Budget 2024: इनकम टैक्स (Income Tax) में भारत सरकार के द्वारा छूट के कई प्रवधान किये गए हैं. धारा 80सी के तहत टैक्स में आपको एक वित्तिय वर्ष में 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट दी जाती है. इस एक्ट का लाभ व्यक्तिगत आयकरदाता और एचयूएफ (Hindu Undivided Families) दोनों को मिलता है. मगर अब 80 सी के तहत मिलने वाले टैक्स में छूट को बढ़ाने की मांग उठ रही है. केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी अंतरिम बजट एक फरवरी को वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया जाना है. विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2024 में करदाताओं को राहत देने की उम्मीद की जा रही है. हर साल एक आम मांग यह होती है कि धारा 80सी के तहत कटौती की सीमा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाई जानी चाहिए. इस सीमा को आखिरी बार 2014-2015 के बजट में 1 लाख रुपये से संशोधित करके 50 हजार रुपये बढ़ायी गयी थी.
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किस निवेश में मिलती है 80सी की छूट
आयकर अधिनियम के तहत धारा 80सी एक लोकप्रिय धारा है. इसका उपयोग आमतौर पर वेतनभोगी आयकर दाताओं द्वारा निवेश और खर्चों के लिए कर कटौती का दावा करने के लिए किया जाता है. अगर आप केंद्र सरकार की, पीपीएफ, पीएफ, यूलिप, ईएलएसएस, जीवन बीमा प्रीमियम, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी आदि योजनाओं में निवेश करते हैं तो सरकार की तरफ से आपको टैक्स में छूट की प्राप्ति होती है. मूल रुप से इस धारा का उद्देश्य लोगों को बचत के लिए प्रेरित करके सरकारी योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है.
धारा 80C की सीमा क्यों बढ़ाई जानी चाहिए?
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, ईवाई इंडिया के टैक्स पार्टनर सुरभि मारवाह बताती हैं कि धारा 80सी के तहत कटौती के लिए 1,50,000 रुपये की सीमा पिछले नौ वर्षों से वही बनी हुई है. मुद्रास्फीति और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि धारा का अधिकांश उपयोग भविष्य निधि में योगदान और आवास ऋण के मूल भुगतान में किया जाता है, 80सी की सीमा को कम से कम 250,000 रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए. विआल्टो पार्टनर्स के चंदर तलरेजा ने कहा कि धारा 80 सी के तहत मिलने वाले छूट को सरकार के द्वारा 50 हजार रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही, कुछ पढ़ाई पर खर्च, कार्यकारी कार्यक्रमों, एआई प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम आदि पर हुए खर्च को इस छूट में शामिल किया जा सकता है.
क्या बजट 2024 में धारा 80सी की सीमा बढ़ेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरिम बजट में आयकर के मोर्चे पर ज्यादा छेड़छाड़ की संभावना नहीं है. इसलिए 1 फरवरी, 2024 को धारा 80सी की सीमा में कोई बदलाव होने की उम्मीद नहीं है. यह एक अंतरिम बजट/वोट-ऑन-अकाउंट होने के नाते व्यक्तिगत कर व्यवस्था में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं करना समझदारी है.
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