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Budget 2025-26: मिलिए बजट तैयार करने वाली टीम निर्मला सीतारमण से, कठिन चुनौतियों के बीच किया है काम

Budget 2025-26: आम बजट 2025-26 में सरकार के सामने आर्थिक स्थिरता और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती होगी. निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को राजकोषीय अनुशासन का पालन करते हुए, रुपये की स्थिरता, निवेश को बढ़ावा और रोजगार निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होगा.

Budget 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने 8वें आम बजट 2025-26 को पेश करने के लिए तैयार हैं, जो 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है. यह बजट ऐसे समय में आ रहा है, जब भारत आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट, रुपये की कमजोरी और उपभोग मांग में कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है.

बजट 2025-26 की प्रमुख आर्थिक चुनौतियां

  • आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट: वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान है, जो चार वर्षों में सबसे कम होगी.
  • राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखना: सरकार का लक्ष्य 2025-26 में इसे जीडीपी के 4.5% से नीचे रखना है.
  • रुपये की कमजोरी: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट बनी हुई है, जिससे आयात महंगा हो रहा है.
  • उपभोग मांग में कमी: महंगाई और ब्याज दरों के कारण घरेलू उपभोग में गिरावट आई है.

बजट 2025-26 तैयार करने वाली निर्मला सीतारमण की टीम

वित्त मंत्रालय की अनुभवी टीम इस बजट को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

  • निर्मला सीतारमण: वित्त मंत्री, 2019 से लगातार बजट पेश कर रही हैं.
  • तुहिन कांत पांडेय: वित्त और राजस्व सचिव, अक्टूबर 2019 से बजट प्रक्रिया का हिस्सा.
  • अजय सेठ: आर्थिक मामलों के सचिव, 2021 से बजट प्रक्रिया को देख रहे हैं.
  • मनोज गोविल: व्यय सचिव, 2024 में कार्यभार संभाला.
  • अरुणिश चावला: दीपम और डीपीई सचिव, दिसंबर 2024 में नियुक्त.
  • एम नागराजू: वित्तीय सेवा सचिव, बैंकिंग और बीमा सुधारों पर ध्यान केंद्रित.
  • वी अनंत नागेश्वरन: मुख्य आर्थिक सलाहकार, आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.

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सरकार की प्राथमिकताएं और नीतियां

  • कर प्रणाली में बदलाव: टैक्स स्लैब में राहत और बचत योजनाओं में प्रोत्साहन संभव है.
  • बुनियादी ढांचे पर खर्च: पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है.
  • रुपये को मजबूत करने के उपाय: विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नई नीतियां.
  • रोजगार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा: नए स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए राहत पैकेज.
  • मुद्रास्फीति नियंत्रण: आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती संभव.

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