Budget 2025: भारत सरकार ने हाल ही में सिगरेट पर टैक्स में बढ़ोतरी की घोषणा की है. इस फैसले के बाद सिगरेट पीने वालों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा. सरकार का उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और तंबाकू सेवन को हतोत्साहित करना है.
कितना बढ़ा टैक्स?
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, विभिन्न प्रकार की सिगरेटों पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) और जीएसटी (GST) में बढ़ोतरी की गई है. नीचे दी गई तालिका में विभिन्न ब्रांड और लंबाई की सिगरेटों पर बढ़े हुए टैक्स का विवरण दिया गया है.
सिगरेट की लंबाई (मिमी) | पहले का टैक्स (रुपये प्रति 1000 सिगरेट) | अब का टैक्स (रुपये प्रति 1000 सिगरेट) | बढ़ोतरी (%) |
65 मिमी तक (छोटी) | 2000 | 2500 | 25% |
65-75 मिमी (मध्यम) | 3300 | 4000 | 21.2% |
75-85 मिमी (लंबी) | 4500 | 5200 | 15.5% |
85 मिमी से अधिक | 5900 | 6800 | 15.2% |
महंगाई का असर और सरकार का तर्क
सरकार का मानना है कि टैक्स बढ़ने से सिगरेट के दाम बढ़ेंगे, जिससे तंबाकू उत्पादों की खपत में कमी आएगी. इससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और लोग धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित होंगे. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, धूम्रपान कैंसर, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारियों का मुख्य कारण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी तंबाकू पर कर बढ़ाने की सिफारिश करता है ताकि लोगों की सेहत में सुधार हो सके.
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