Budget 2025: 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट 2025 पेश करेगी. हर साल की तरह इस बार भी आम आदमी, खासकर मध्यम वर्ग, उम्मीद लगाए बैठा है कि क्या इस बार महंगाई से राहत मिलेगी? क्या आटा, कपड़ा और मकान सस्ते होंगे, या फिर टैक्स के बोझ तले दबा मध्यम वर्ग की हालत वैसी ही बनी रहेगी? इस उम्मीद से पहले आइए जानते हैं कि रोटी, कपड़ा, मकान, चीनी, चाय, कॉफी, खाद्य तेल, साबुन, टूथपेस्ट, शैंपू, कारों और अन्य लक्जरी वस्तुओं पर सरकार कितना टैक्स वसूलती है.
भारत में विभिन्न वस्तुओं पर GST दरें
वस्तु एवं सेवा कर (GST) भारत में लागू एक Indirect Tax प्रणाली है, जिसे 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था. विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग जीएसटी दरें लागू होती हैं, जो उनकी आवश्यकताओं और श्रेणी के आधार पर निर्धारित की गई हैं.
जीएसटी दरों की प्रमुख श्रेणियां
जीएसटी चार मुख्य दरों में विभाजित है
- 0%: आवश्यक वस्तुएं (जैसे अनपैक्ड अनाज, दालें आदि)
- 5%: कुछ आवश्यक वस्तुएं और सामान्य उपयोग की चीजें
- 12%: औद्योगिक उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
- 18%: उपभोक्ता वस्तुएं और गैर-जरूरी उत्पाद
- 28%: लक्जरी और उच्च वर्ग की वस्तुएं
प्रमुख वस्तुओं पर लागू जीएसटी दरें
वस्तु | जीएसटी दर |
गेहूं का आटा (अनपैक्ड, बिना ब्रांड) | 0% |
गेहूं का आटा (ब्रांडेड और पैक) | 5% |
चावल, दालें (अनपैक्ड) | 0% |
चावल, दालें (ब्रांडेड और पैक) | 5% |
कपड़े (₹1,000 तक) | 5% |
कपड़े (₹1,000 से अधिक) | 12% |
मक्खन | 12% |
दूध और डेयरी उत्पाद (शुद्ध दूध को छोड़कर) | 5% – 12% |
जूते-चप्पल (₹500 तक) | 5% |
जूते-चप्पल (₹500 से अधिक) | 18% |
साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट | 18% |
चीनी, चाय, कॉफी (इंस्टेंट को छोड़कर) | 5% |
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (जैम, सॉस, सूप आदि) | 12% |
रेडीमेड कपड़े और गारमेंट्स | 12% |
मोबाइल फोन | 18% |
कारें (छोटी कारें) | 28% |
लक्जरी कारें | 28% + सेस |
जीएसटी दरों का प्रभाव
जीएसटी लागू होने के बाद विभिन्न उत्पादों की कीमतों पर असर पड़ा है. दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हुई हैं, जबकि लक्जरी और उपभोक्ता उत्पाद महंगे हो गए हैं. सरकार समय-समय पर इन दरों की समीक्षा करती है और आवश्यकतानुसार बदलाव किए जाते हैं.
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