हाईलाइट्स
Budget Suggestions: देश के पढ़े-लिखे बेरोजगारों को सरकारी नौकरी मिलने वाली है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने वित्त वर्ष 2025-26 के आगामी केंद्रीय बजट में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए सात सूत्रीय एजेंडा का प्रस्ताव रखा है. सीआईआई ने अपने प्रस्ताव में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के महत्व को रेखांकित करते हुए भारत की जनसांख्यिकीय लाभांश का इस्तेमाल समावेशी वृद्धि के लिए करने पर जोर दिया है.
युवाओं का देश है भारत
भारत की औसत आयु मात्र 29 वर्ष है, जो इसे एक युवा देश बनाती है. 2050 तक 13.3 करोड़ लोग कार्यशील आयु वर्ग में जुड़ने वाले हैं. रोजगार सृजन इस जनसांख्यिकीय बदलाव को उत्पादक और टिकाऊ बनाने की कुंजी है.
सीआईआई के सात सूत्री एजेंडा के मुख्य बिंदु
- एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति: सीआईआई ने एकीकृत नीति बनाने की सिफारिश की है, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों द्वारा लागू की जा रही रोजगार योजनाओं को शामिल किया जा सके.
- श्रम-प्रधान क्षेत्रों को समर्थन: सीआईआई ने अपने प्रस्ताव में है कि सरकार वस्त्र, कृषि और निर्माण उद्योग क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करे, जिनमें रोजगार की उच्च संभावनाएं हैं.
- अंतरराष्ट्रीय परिवहन प्राधिकरण की स्थापना: वैश्विक व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए इस प्राधिकरण की स्थापना की सिफारिश की गई है.
- ग्रामीण क्षेत्रों में इंटर्नशिप कार्यक्रम: ग्रामीण सरकारी कार्यालयों में कॉलेज शिक्षित युवाओं के लिए इंटर्नशिप शुरू करें, ताकि शिक्षा और कौशल के बीच की खाई को पाटा जा सके और अल्पकालिक रोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकें.
आयकर कटौती नियमों में संशोधन: आयकर अधिनियम की धारा 80जेजेएए को बदलकर नया प्रावधान लाने की सिफारिश की गई है. यह प्रावधान अध्याय VIA के तहत कटौती की अनुमति देगा, भले ही करदाता रियायती कर व्यवस्था का विकल्प चुनें. - कौशल विकास और उत्पादकता वृद्धि: उत्पादकता मापने के लिए मानक स्थापित करें और वर्तमान 4.1 स्तर से पूंजी उत्पादन अनुपात (ICOR) को कम करें.
- विशेषज्ञ समिति का गठन: बजट के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में आईसीओआर का अध्ययन करने और उत्पादकता बढ़ाने के उपायों की सिफारिश के लिए एक समिति गठित की जानी चाहिए.
ग्रामीण इंटर्नशिप पहल और कौशल अंतर को पाटना
सीआईआई ने सरकारी कार्यालयों में कॉलेज शिक्षित युवाओं को शामिल करने के लिए एक ग्रामीण इंटर्नशिप कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा है. इस पहल का उद्देश्य शिक्षा और व्यावसायिक कौशल के अंतर को कम करना है. इससे अल्पकालिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को मजबूत किया जा सकेगा.
रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कर सुधार
सीआईआई ने रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए एक नया कर प्रावधान लाने की सिफारिश की है. यह प्रावधान अध्याय VIA कटौती के तहत उपलब्ध रहेगा, चाहे करदाता रियायती कर व्यवस्था का चयन करें या नहीं.
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एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति की आवश्यकता
सीआईआई ने विभिन्न रोजगार योजनाओं में तालमेल बनाने के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति की वकालत की है. यह दृष्टिकोण प्रयासों को सुव्यवस्थित करेगा और मंत्रालयों और राज्यों के बीच प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करेगा.
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रोजगार बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादकता में सुधार की जरूरत: सीआईआई
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “भारत को न केवल रोजगार बढ़ाना होगा बल्कि उत्पादकता स्तर में भी सुधार करना होगा. वर्तमान 4.1 स्तर से आईसीओआर को कम करना महत्वपूर्ण है. उत्पादकता मापने के लिए मानक ढांचा और इसे बढ़ाने के लिए लक्षित कार्रवाई प्राथमिकता होनी चाहिए. केंद्रीय बजट में एक विशेषज्ञ समिति का गठन इस दिशा में संरचित सुधारों के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है.”
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भारत के लिए रोजगार सृजन क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश इसके युवा कार्यबल के लिए नौकरियां पैदा करके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है.
पूंजी उत्पादन अनुपात (ICOR) क्या है?
ICOR उस अतिरिक्त पूंजी को मापता है, जो एक इकाई उत्पादन उत्पन्न करने के लिए आवश्यक है. ICOR को कम करने से उत्पादकता और आर्थिक दक्षता बढ़ सकती है.
ग्रामीण इंटर्नशिप कार्यक्रम कैसे मदद करेगा?
यह कार्यक्रम शिक्षा और व्यावसायिक कौशल के बीच अंतर को पाटेगा, अल्पकालिक रोजगार पैदा करेगा और ग्रामीण पहलों को मजबूत करेगा.
रोजगार सृजन के लिए सीआईआई की कर कटौती की सिफारिश क्या है?
सीआईआई ने धारा 80जेजेएए को बदलकर एक नया प्रावधान लाने की सिफारिश की है, जो सभी कर व्यवस्थाओं के तहत अध्याय VIA कटौती प्रदान करेगा.
एकीकृत राष्ट्रीय रोजगार नीति का महत्व क्या है?
एकीकृत नीति रोजगार सृजन प्रयासों को सुव्यवस्थित करेगी, जिससे वे अधिक प्रभावी और क्षेत्रों में प्रभावशाली बनें.
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