Buyout Offer: डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद देश और विदेश में हलचल मची हुई है. ट्रंप प्रशासन ने संघीय सरकार में कर्मचारियों की संख्या कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को एक विशेष बायआउट ऑफर (Buyout Offer) दिया गया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. इस योजना के तहत इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों को 30 सितंबर तक वेतन मिलता रहेगा. इसे “विलंबित इस्तीफा कार्यक्रम” कहा जा रहा है, जिसे एक क्रमिक बायआउट की तरह देखा जा रहा है. इस नीति का उद्देश्य सरकारी खर्च में कटौती करना और प्रशासनिक पुनर्गठन को सुचारू रूप से लागू करना है.
हजारों कर्मचारियों ने स्वीकार किया प्रस्ताव
करीब 20,000 से 40,000 संघीय कर्मचारियों ने इस योजना के तहत इस्तीफा देना स्वीकार किया है. जबकि कुल दो मिलियन कर्मचारियों को यह प्रस्ताव दिया गया था, अब तक केवल 1% ने इसे स्वीकार किया है. व्हाइट हाउस को उम्मीद है कि अंतिम समय में इसमें और वृद्धि हो सकती है.
योजना का विरोध और कानूनी विवाद
सरकारी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनियन समूहों ने इस प्रस्ताव को लेकर आपत्ति जताई है और इसे रोकने के लिए मुकदमा दायर किया है. अमेरिकन फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्प्लॉइज (AFGE) के अध्यक्ष एवरेट केली ने इसे एक “धोखा” करार देते हुए कहा कि वे अपने सदस्यों को इस योजना का शिकार नहीं होने देंगे.
सीआईए ने भी लागू किया प्रस्ताव
मंगलवार को केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) इस योजना को अपनाने वाली पहली राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी बनी. सीआईए ने अपने कर्मचारियों को आठ महीने के वेतन और लाभ के साथ इस्तीफा देने का विकल्प दिया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कौन-कौन इस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकता है, क्योंकि कुछ विशिष्ट विशेषज्ञता वाले कर्मचारियों को इससे बाहर रखा जा सकता है.
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भर्ती पर रोक और नई प्राथमिकताएं
CIA ने उन उम्मीदवारों की भर्ती भी रोक दी है, जिन्हें पहले सशर्त नियुक्ति दी गई थी. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ प्रस्ताव वापस लिए जा सकते हैं यदि वे प्रशासन की नई प्राथमिकताओं, जैसे कि चीन के खिलाफ रणनीति और व्यापार नीतियों के अनुरूप नहीं हैं.
सरकारी कर्मचारियों में असमंजस और डर का माहौल
सरकारी कर्मचारियों के बीच इस प्रस्ताव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. कई लोगों का मानना है कि यह योजना अस्थिर है और वेतन की कोई गारंटी नहीं है. एक कर्मचारी ने इसे “धमकी भरा प्रस्ताव” बताते हुए कहा कि यदि वे इस्तीफा नहीं देते हैं, तो उनकी नौकरी वैसे भी समाप्त हो सकती है.
ट्रंप प्रशासन की सरकारी ढांचे में बदलाव की योजना
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सरकारी खर्च को कम करने और प्रशासनिक ढांचे में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं. इस पहल में अरबपति एलन मस्क का भी सहयोग बताया जा रहा है. रिपब्लिकन नेताओं ने इस कदम की सराहना की है, जबकि विपक्षी दल और यूनियन इस पर नाराजगी जता रहे हैं.
देशभर में विरोध प्रदर्शन
इस फैसले के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए. कुछ जगहों पर प्रदर्शन में दर्जनों लोग शामिल हुए, जबकि मिशिगन जैसे राज्यों में 1,000 से अधिक लोगों ने इस योजना का विरोध किया. इस योजना का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है, क्योंकि यूनियन कानूनी लड़ाई लड़ रही हैं और कर्मचारी अपने करियर को लेकर चिंतित हैं.
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