मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश में एटीएम मशीन की तरह कॉइन वेंडिंग मशीन (क्यूसीवीएम) से सिक्का निकालने की व्यवस्था में जुट गया है. इसके लिए वह भारत के 12 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट भी चला रहा है. आरबीआई ने बुधवार को कहा है कि अब कॉइन वेडिंग मशीन में नोट डालकर सिक्का नहीं निकाला जा सकेगा. इसके लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आधारित क्यूआर कोड का ही इस्तेमाल करना होगा. इस बीच, सवाल यह पैदा होता है कि कॉइन वेडिंग मशीन में नोट डालने के बाद सिक्का क्यों नहीं निकलेगा.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि सिक्का निकालने वाली कॉइन वेंडिंग मशीन में नकली नोट डाले जाने के मामलों को देखते हुए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) आधारित विकल्प को अपनाने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि समस्या यह थी कि इन मशीनों में जो रुपये डाले जा रहे थे, कई मामलों में नकली पाए गए. इसीलिए यह मुद्दा बन गया था.
डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि कॉइन वेंडिंग मशीन में नकली नोट डाले जाने के मुद्दे के मद्देनजर आरबीआई ने विकल्पों पर विचार करना शुरू किया गया. बहुत सारे लोग मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं. उसके जरिये क्यूआर कोड ‘स्कैन’ किया जा सकता है, जो यूपीआई से जुड़ा हो सकता है. इसके माध्यम से भौतिक रूप से रुपये का उपयोग किये बिना वेंडिंग मशीन से सिक्के निकाले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि मशीन देश में विकसित की गई हैं. इस नई व्यवस्था में सिक्कों के वितरण में सुधार होगा.
Also Read: अब 12 शहरों में एटीएम की तरह कॉइन वेंडिंग मशीन से निकलेगा सिक्का, G20 देशों के यात्री UPI को यूज कर सकेंगे
आरबीआई 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित सिक्का निकालने की मशीन को लेकर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा. ये वेंडिंग मशीनें यूपीआई का उपयोग करके बैंक ग्राहकों के खाते से पैसे काटकर सिक्के उपलब्ध कराएंगी. अभी जो मशीनें हैं, उसमें बैंक नोट डालकर सिक्के निकाले जाते हैं. नकद आधारित परंपरागत कॉइन वेंडिंग मशीन में भौतिक रूप से रुपये डालने और उसके सत्यापन की जरूरत नहीं होगी. शुरू में पायलट परियोजना 12 शहरों के 19 स्थानों पर शुरू करने की योजना है. इन मशीनों को रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल, बाजारों में लगाया जाएगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.