Consumer Commission: सड़क हादसे के वक्त एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) में लगे एयरबैग्स ने धोखा दे दिया और ऐन वक्त पर एक भी नहीं खुला. इसका नतीजा यह निकला कि उपभोक्ता फोरम ने वाहन निर्माता कंपनी को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश सुनाया है. यह मामला देश की राजधानी दिल्ली का है. हालांकि, उपभोक्ता फोरम ने जिस हादसे को लेकर यह आदेश सुनाया है, उसमें गाड़ी को काफी नुकसान हुआ. लेकिन, वाहन चालक को अधिक चोट नहीं आई. टक्कर जोरदार जरूर थी.
जोरदार टक्कर के बाद भी नहीं खुले एयरबैग्स
हिंदी की वेबसाइट न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की राजधानी में दक्षिणी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने सड़क हादसे के दौरान एसयूवी कार का एयरबैग नहीं खुलने पर टाटा मोटर्स को 50 हजार रुपये मुआवजा के तौर पर देने का आदेश पारित किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क हादसे के दौरान एसयूवी कार को काफी क्षति हुई है. हालांकि, दुर्घटना में वाहन चालक को अधिक चोट नहीं लगी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क हादसे में जोरदार टक्कर के बाद भी गाड़ी में लगे एयरबैग्स नहीं खुले.
राजस्थान के जालौर में हुआ सड़क हादसा
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के मैदानगढ़ी स्थित राजपुर के निवासी शांति लाल ने टाटा मोटर्स के खिलाफ दक्षिण दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि वे अपनी एसयूवी कार से राजस्थान के जालौर से जयपुर की ओर जा रहे थे. सड़क पर सामने से अचानक एक गाय आ गई और वह उनकी गाड़ी से टकरा गई. गाय के सामने आने पर उन्हें भी अचानक ब्रेक लगाना पड़ा. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि इस हादसे में कार के बाहरी हिस्से में काफी क्षति पहुंची. जोरदार टक्कर के बावजूद एसयूवी में लगे एयरबैग्स नहीं खुले.
टाटा मोटर्स ने आयोग में रखा अपना पक्ष
मैदानगढ़ी स्थित राजपुर के निवासी शांति लाल की शिकायत पर टाटा मोटर्स ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि शिकायकर्ता को बेची गई कार काफी हाई क्वालिटी की थी. उसमें सभी प्रकार के तय मानकों को पूरा किया गया है. उसमें कोई मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट नहीं था. कंपनी ने कहा कि सड़क हादसे में शिकायतकर्ता को किसी भी प्रकार की कोई चोट नहीं पहुंची है. ऐसी स्थिति में शिकायतकर्ता मुआवजा पाने के हकदार नहीं हैं.
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तीन महीने में मुआवजा चुकता करने का आदेश
दक्षिण दिल्ली जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपने आदेश में कहा कि इतने बड़े सड़क हादसे में भी गाड़ी में लगाए गए एयरबैग्स का नहीं खुलना यह बताता है कि उसमें कोई न कोई दिक्कत जरूरी है. आयोग ने कंपनी के पक्ष को अस्वीकार करते हुए तीन महीने के अंदर शिकायतकर्ता को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. इसके साथ ही आयोग ने यह स्पष्ट भी किया है कि मुआवजा देने की बात केवल इस बात के मद्देनजर तय की गई है कि सड़क हादसे में शिकायतकर्ता को किसी प्रकार की चोट नहीं लगी है, बल्कि कार को ही केवल नुकसान पहुंचा है.
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