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कोरोना के खौफ के बीच ई-कॉमर्स कंपनियों की चांदी, Amazon देगा एक लाख नौकरियां

कोरोना वायरस का खौफ पूरी दुनिया में है. इसी खौफ के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट मंडरा रहा है. दुनिया के तमाम बड़े अर्थव्यवस्था वाले देश आने वाले दिनों को लेकर आशंका में हैं.

Amazon jobs: कोरोना वायरस (COVID-19) का खौफ पूरी दुनिया में है. इसी खौफ के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global economy) पर संकट मंडरा रहा है. दुनिया के तमाम बड़े अर्थव्यवस्था वाले देश आने वाले दिनों को लेकर आशंका में हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था में संकट की आहट से इतर ई-कॉमर्स कंपनियां राहत में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति आ गई है तो वहीं कई जगह सरकारों ने लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है. ऐसे में लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए ऑनलाइन ऑर्डर (online order) का सहारा ले रहे हैं. इस हालात को देखते हुए ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन Amazon ने एक लाख लोगों को अपने से जोड़ने की योजना बनाई है.

अमेजन की ओर से कहा गया कि अमेरिका में उनके पास काफी संख्या में पेंडिंग ऑर्डर हैं. इसको पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की जरुरत है. ऐसे में हम अपने ग्राहकों तक ऑर्डर पहुंचाने के लिए एक लाख लोगों को हायर कर रहे हैं. ये कर्मचारी अमेजन के वेयर हाउस और डिलीवरी के लिए कार्य करेंगे. अमेजन की मानें तो लोग घर से बाहर नहीं निकलना चाहते हैं. यही वजह है कि ई-क़ॉमर्स कंपनियों का का सहारा लिया जा रहा है और उम्मीद से कई गुना अधिक ऑर्डर मिल रहे हैं. इसे पूरा करने के लिए हमारे पास कर्मचारियों की संख्या कम पड़ गई है. अमेजन के मुताबिक कर्मचारियों को 2 डॉलर से 15 डॉलर प्रति घंटे का भुगतान किया जाएगा. अमेजन की तरह ही अमेरिका के अन्य सुपर मार्केट Albertsons, Kroger और Raley’s को भी अपने ऑर्डर्स पूरे करने के लिए अतिरक्त स्टाफ हायर करना पड़ा है.

अमेरिका की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी यूनाइटेड पार्सल ने कहा कि हम सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद लोगों के सामना पहुंचाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं. हम सड़क औऱ हवाई मार्ग दोनों से काम कर रहे हैं. बयान में कहा गया कि कंपनी अपने मौजूदा कर्मचारियों के साथ ही डिमांड को पूरा करने में जुटी है. गौरतलब है कि दुनिया भर में 100 से ज्यादा देशों में कोरोना वायरस का संकट फैल चुका है और इसका साया अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी गहराता जा रहा है. यह बीमारी दुनियाभर में सरकारों के लिए एक बड़ी सामाजिक चुनौती तो बन ही गई है, इसके कारण पैदा हुआ आर्थिक संकट भी कुछ कम नहीं है. हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है.

ट्रंप ने माना- आ सकता है आर्थिक संकट

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यव्स्था पर कोरोना वायरस के असर को लेकर स्वीकार किया है कि यह वायरस देश में आर्थिक संकट लेकर आ सकता है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा रही है सवाल पर ट्रंप ने कहा, ऐसा हो सकता है, लेकिन हम इसे वायरस से जोड़कर नहीं देख रहे हैं. मुझे लगता है कि स्टॉक मार्केट और अर्थव्यवस्था के मामले में बड़ी और दबी हुई मांग है. एक बार जब हम इससे (वायरस) से निपट लेंगे, इसमें बड़ी उछाल देखने को मिलेगी. व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, मुझे ऐसा लगता है कि अगर हम इस दिशा में बहुत अच्छे से काम करें तो उम्मीद है कि जुलाई या अगस्त तक हमें इससे छुटकारा मिल जाएगा.

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