20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अब भारत में होंगे क्रैश-टेस्ट, कारों को मिलेगी सुरक्षा रेटिंग, खत्म होगी विदेशी संस्थाओं पर निर्भरता

परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लॉन्च से पहले कहा कि यह प्रोग्राम भारत में 3.5 टन तक के मोटर वाहनों का क्रैश टेस्ट होगा. वाहनों के लिए नया सेफ्टी नियम इस साल अक्तूबर से लागू हो जायेगा.

अब देश में ही कारों की सुरक्षा जांच होगी और विदेशी संस्थाओं पर निर्भरता खत्म हो जायेगी. इसके लिए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार, 22 अगस्त को ‘भारत एनसीएपी (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम)’ को लॉन्च करेंगे. इस सेफ्टी रेटिंग प्रोग्राम के बाद गाड़ियों के सेफ्टी स्टैंडर्ड और उनकी गुणवत्ता में कंपनियों द्वारा सुधार किये जाने की उम्मीद है. परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लॉन्च से पहले कहा कि यह प्रोग्राम भारत में 3.5 टन तक के मोटर वाहनों का क्रैश टेस्ट होगा. वाहनों के लिए नया सेफ्टी नियम इस साल अक्तूबर से लागू हो जायेगा. मारुति और टाटा मोटर्स जैसे घरेलू वाहन विनिर्माता भारत एनसीएपी लाने की पहल का पहले ही स्वागत कर चुके हैं. मंत्रालय ने कहा कि ‘भारत एनसीएपी’ की शुरुआत होने के बाद वाहन निर्माता अपनी मर्जी से मोटर वाहन उद्योग मानक (एआइएस) 197 के अनुसार टेस्ट के लिए अपने वाहन भेज सकते हैं. टेस्ट के दौरान जिस कार का जैसा प्रदर्शन रहेगा, उसके मुताबिक ही उसे रेटिंग मिलेगी. परिक्षण के बाद कार को एडल्ट (व्यस्क) ऑक्यूपेंट और चाइल्ड (छोटे बच्चों) ऑक्यूपेंट की स्टार रेटिंग प्रदान की जायेगी, जैसा कि ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में भी देखने को मिलता है. ग्लोबल एनसीएपी की तरह ही भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट भी फिलहाल स्वैच्छिक होगा. हालांकि, बाद में बाजार में बिकने वाली सभी कारों के लिए इस क्रैश टेस्ट को अनिवार्य कर दिये जाने की उम्मीद है.

बढ़ेगी सुरक्षा रेटिंग वाली कारों की मांग

परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि इससे सुरक्षित कारों की मांग बढ़ेगी जिससे कार निर्माता ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. उच्च सुरक्षा मानकों के साथ भारतीय कारें वैश्विक बाजार में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगी, जिससे भारत में कार निर्माताओं की निर्यात क्षमता बढ़ेगी. इसके साथ ही भारत में सुरक्षा के प्रति संवेदनशील कार बाजार के विकसित होने की उम्मीद है.

Also Read: EPFO News: पीएफ खाताधारक 31 अगस्त से पहले जरूर कर लें ये काम, नहीं तो ब्याज का होगा नुकसान

ग्राहकों को होगा फायदा

अभी तक सिर्फ कुछ कंपनियों के ही सीमित वाहनों की ही टेस्टिंग हो पाती थी. इस कारण ग्राहकों को इस बात की जानकारी नहीं मिल पाती थी कि जिस कार को वह खरीद रहे हैं वह कितनी सुरक्षित है. लेकिन, अब भारत एनसीएपी की शुरुआत के बाद देश में ही सभी कंपनियों के सभी मॉडल्स की टेस्टिंग हो पायेगी और ग्राहकों को अपनी पसंद की कार की सुरक्षा की जानकारी भी मिल पायेगी.

Also Read: Tomato Price: खुदरा बाजार में आवक बढ़ने से फिर कड़ाही में दिखेगा टमाटर, सरकार ने बतायी ये बड़ी बात

अधिक सुरक्षित होंगी कारें

भारत में प्रति वर्ष सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी अधिक है. इसलिए एक घरेलू क्रैश टेस्ट न केवल खरीदार को अपने परिवार के लिए नयी कार चुनते समय एक सही निर्णय लेने में मदद करेगा, बल्कि निर्माताओं को खरीदारों का विश्वास जीतने के लिए वाहनों को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए भी प्रेरित करेगा. जब तक भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट स्वैच्छिक है, तब तक कई कंपनियां अपने वाहनों का क्रैश टेस्ट कराने से परहेज कर सकती हैं.

Also Read: Business News Live: प्रीओपनिंग में भारतीय बाजार में दिखी तेजी, BSE सेंसेक्स 48.70 अंक चढ़ा

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें