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Credit Cards: क्रेडिट कार्ड से जुड़ी इन गलतफहमियों को 5 प्वाइंट्स में कर लें दूर

Credit Cards: अगर आप भी क्रेडिट कार्ड उपयोग करता है तो आपको पता होनी चाहिए यह बातें.अकसरा क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता को होती है यह गलतफहमियां.

Credit Cards: भारत में पिछले कुछ वर्षों में क्रेडिट कार्ड का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है. अब लोगों के पास डेबिट कार्ड के साथ क्रेडिट कार्ड होना बहुत आम सी बात हो गई है. भारत में करीब 97.9 मिलियन लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन लोगों ने क्रेडिट कार्ड से जुड़ी बहुत सी गलतफहमियां पाल रखी है. आइए जानते हैं ऐसे पांच गलतफहमियों के बारे में.

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अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर ही मिलता है लोन 

भारत में अधिकतर  लोग यह मानते हैं कि अगर उनका क्रेडिट स्‍कोर अच्छा नहीं है तो उन्‍हें बैंक द्वारा लोन नहीं मिलेगा. लेकिन ये लोगों की गलतफहमी हैं . लेकिन लोन देते समय बैंक केवल आपका सिबिल स्कोर ही नहीं बल्कि साथ ही साथ आपकी इनकम जैसी अन्य बातों को भी देखती हैं. यदि आपका  क्रेडिट स्कोर कम है तो और फिर भी आप लोन लेना चाहते है तो आप कुछ कागज़ात दिखा कर लोन प्राप्त कर सकते हैं.आप अपने वेतन, सालाना बोनस या अन्य अतिरिक्त इनकम स्रोतों में बढ़ोतरी के प्रमाण के साथ बैंक स्टेटमेंट दे सकते हैं और ये साबित कर सकते हैं कि आप लोन चुकाने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं. अगर आपके पास ऐसा कुछ नहीं है तो भी कई बैंक और अन्य संस्‍थाएं हैं जो कम सिबील स्कोर के साथ भी लोन मुहाया कराती हैं. लेकिन ऐसे में लोगों को ज्यादा ब्‍याज दरे भरने पड़ती हैं . कई बार क्रेडिट स्‍कोर कम होने से आपकी क्रेडिबिलिटी पर असर जरूर पड़ता है.

क्रेडिट स्कोर चेक करने पर होता है नुकसान 

दूसरी सबसे बड़ी गलतफहमी यह है कि अगर आप अपना क्रेडिट स्कोर चैक करते है तो उससे आपका नुकसान होता हैं. यह गलतफहमी लोगों में ‘हार्ड इंक्वायरी’ और ‘सॉफ्ट इंक्वायरी’ के बीच अंतर नहीं समझ पाने से होती है. अपने क्रेडिट स्कोर की समीक्षा करना एक सॉफ्ट इंक्वायरी है जिसका आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. इसके विपरीत, जब लेनदार ऋण या क्रेडिट कार्ड एप्रूवल के लिए आपकी क्रेडिट रिपोर्ट का मूल्यांकन करते हैं तो वह कड़ी पूछताछ होती है जो आपके स्कोर को कुछ हद तक प्रभावित करती है. इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि वह समय समय पर अपने क्रेडिट स्कोर की सटीकता को सत्यापित करते रहे.जिससे किसी भी संभावित समस्या की  पहचान तुरंत ही जाए.

क्रेडिट कार्ड बंद करने से किड्स कर में होता है सुधार 

क्रेडिट कार्ड उपयोग करने वालों में से बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि जो क्रेडिट कार्ड उपयोग में नहीं है उसे बंद कर देने से क्रेडिट स्कोर में बढ़ोतरी होती है. वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता बल्कि इसका विपरीत प्रभाव देखने को मिलता है. आपका क्रेडिट उपयोग अनुपात जो आपके लिए उपलब्ध क्रेडिट की तुलना में आपके द्वारा उपयोग किया जा रहे क्रेडिट की मात्रा है वह आपका क्रेडिट स्कोर निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाता है. और क्रेडिट कार्ड बंद करने से क्रेडिट उपयोग अनुपात बढ़ जाता है जिससे संभावित रूप से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाता है. इसलिए लोगों के लिए यह बेहतर होता है कि वह अपना क्रेडिट कार्ड चालू रखें, खासकर उस स्थिति में अगर आपका क्रेडिट हिस्ट्री बहुत लंबा है और आपको कोई वार्षिक शुल्क नहीं लगता है.

डेबिट कार्ड के उपयोग से क्रेडिट कार्ड स्कोर बढ़ता है 

कुछ लोगों का ऐसा मानना होता है कि डेबिट कार्ड के उपयोग से आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता है. परंतु क्रेडिट कार्ड स्कोर डेबिट कार्ड के उपयोग पर जरा सा भी प्रभाव नहीं डालता. क्योंकि आपके डेबिट कार्ड स्कोर की लेनदेन की कोई भी रिपोर्ट क्रेडिट कार्ड ब्यूरो को नहीं दी जाती है. क्रेडिट कार्ड स्कोर आपके क्रेडिट कार्ड के उपयोग लोन आदि पर निर्भर करता है. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए अपना क्रेडिट कार्ड जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना चाहिए. 

लोन भरने से क्रेडिट रिपोर्ट से लोन हिस्ट्री मिट जाता है

एक अच्छा क्रेडिट स्कोर मेंटेन करने के लिए समय पर कर चुकाना जरूरी है लेकिन यह आपके कर्ज लेने की हिस्ट्री को नहीं मिटा देती. अक्सर लोग ऐसा सोचते हैं कि अगर वह समय से अपना ऋण चुका देते हैं तो उनकी लोन हिस्ट्री हटा दी जाती है. आपकी लोन लेने और उसे चुकाने की पूरी जानकारी क्रेडिट रिपोर्ट में कुछ सालों तक बनी रहती है. जैसे सेटल अकाउंट में करीब 7 सालों तक आपकी हिस्ट्री दाखिल रहती है. यह लोन प्रोवाइडर को आपकी साक आकलन करने में मदद करता है.

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