नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2022-23 के सालाना बजट में सरकार की ओर से डिजिटल आय पर टैक्स लगाने के फैसले का असर अब भारत में आभासी मुद्रा क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर साफ दिखाई देने लगा है. सरकार ने इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी समेत अन्य डिजिटल संपत्तियों से होने वाले लाभ पर 30 फीसदी का भारी-भरकम टैक्स लगाने और क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर एक फीसदी टीडीएस वसूलने का ऐलान किया है. सरकार के इस कदम की वजह से भारत में रुपये के बदले क्रिप्टोकरेंसी की खरीद करना आसान नहीं रह गया है.
आलम यह कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन के लिए बनाए गए मोबाइल एप क्वाइनबेस और क्वाइनस्विच कुबेर पर इस आभासी मुद्रा का कारोबार बंद हो गया है. इन दोनों एप्स पर यूपीआई और बैंक के जरिए रुपये के बदले क्रिप्टोकरेंसी की खरीद करने के सारे विकल्प बंद कर दिए गए हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश में यूपीआई पेमेंट की निगरानी करने वाली संस्थान एनपीसीआई के निशाने पर आने के बाद पहले अमेरिका बेस्ड क्रिप्टो एग्रिगेटर क्वाइनबेस ने भारत में लॉन्च होने के महज तीन महीने बाद ही क्रिप्टोकरेंसी खरीद के लिए यूपीआई पेमेंट पर रोक लगा दी. अब क्वाइनबेस के बाद एक ओर क्रिप्टो एग्रिगेटी क्वाइनस्विच कुबेर ने भी बड़ा कदम उठाया है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इसने अपने एप से रुपये में होने वाली सभी डिपॉजिट सेवाओं को अस्थाई तौर पर रोक दिया है. इसके अलावा, अब कंपनी के मोबाइल एप पर यूपीआई के माध्यम से बैंक ट्रांसफर जैसे एनईएफटी और आरटीजीएस पर रोक लगा दी है.
मीडिया की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि एनपीसीआई की ओर से अभी हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त में यूपीआई के उपयोग को लेकर बयान जारी किए गए बयान के बाद देश के बैंक भी सतर्क हो गए हैं और उन्होंने भी इस आभासी मुद्रा के कारोबार की निगरानी करनी शुरू कर दी है. यहां तक कि भारत में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने क्वाइनबेस पर यूपीआई के माध्यम से होने वाले सभी लेनदेन पर रोक लगा दी है.
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नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने पिछले दिनों एक बयान जारी कर कहा था कि उसे भारत में किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज के द्वारा यूपीआई के जरिए लेन-देन किए जाने की कोई जानकारी नहीं हैं. इसके बाद बैंकों ने सबसे पहले क्वाइनबेस पर यूपीआई ट्रांजैक्शन को रोक दिया था. इसके साथ ही, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार वैध नहीं है. इसे लेकर सरकार ने भी आगाह किया है कि बिना नियामक के क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बाद जोखिम निवेशक का होगा. इसका कारण यह है कि जब तक क्रिप्टो को आधिकारिक रूप से देश में कानूनी मान्यता नहीं मिलती, तब तक एनपीसीआई क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े यूपीआई पेमेंट को मंजूरी नहीं दे सकती.
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