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7th Pay Commission: ईपीएफ पर बढ़ गया ब्याज, अब कर्मचारियों के महंगाई भत्ता और HRA बढ़ाने की चल रही तैयारी

7th Pay Commission: पिछली बार सरकार के द्वारा महंगाई भत्ता में अक्टूबर के महीने में चार प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी. उसी तरह, इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी.

7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के लिए साल 2024 की शुरूआत काफी अच्छा है. एक तरफ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने खाते में जमा राशि पर ब्याज दरों को बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत कर दिया है. अब लोकसभा चुनाव से पहले अब महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार इस महीने के आखिरी या मार्च के पहले सप्ताह में कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है. सातवें वेतन आयोग के समझौते के अनुसार, पिछली बार सरकार के द्वारा महंगाई भत्ता में अक्टूबर के महीने में चार प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी. उसी तरह, इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी.

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DA के साथ होगा HRA में भी इजाफा

सरकार के द्वारा अगर, चार प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है तो कुल महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत हो जाएगा. इसके बाद, नियम के अनुसार, कर्मचारियों का आवास भत्ता भी बढ़ेगा. सातवें वेतन आयोग के समझौते के हिसाब से जब महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाता है, तो फिर हाउस रेंट अलाउंस भी बढ़ाना होता है. रिपोर्ट्स की मानें तो ये 30 फीसदी किया जा सकता है.

महंगाई भत्ता का क्या है गणित

सरकारी कर्मचारियों का महंगाई ‍भत्ता साल में दो बार बढ़ाया जाता है. एक बार जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में. अगर, सरकार इसमें संशोधन बाद में करती है तो उसका लाभ एरियर के साथ दिया जाता है. भारत में महंगाई भत्ता का फॉर्मूला महंगाई दर के आधार पर गणना की जाती है. महंगाई दर का आधार आमतौर पर राष्ट्रीय महंगाई सूचकांक (CPI) होता है. इसके आधार पर, महंगाई भत्ता का फॉर्मूला निम्नलिखित होता है: महंगाई भत्ता = [मौजूदा महंगाई सूचकांक (CPI) – पिछले साल का CPI] / पिछले साल का CPI * 100

यहां, मौजूदा महंगाई सूचकांक (CPI) मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान वास्तविक उत्पादों और सेवाओं की मानक मूल्य स्थिति को प्रकट करता है और पिछले वर्ष का CPI वित्त वर्ष के पहले की मानक मूल्य स्थिति को प्रकट करता है. इस फॉर्मूले का उपयोग करके, महंगाई भत्ता की गणना बाजार में महंगाई की दर की परिवर्तन या बदलाव के आधार पर की जाती है. यह बदलाव आमतौर पर विभिन्न क्षेत्रों और व्यवसायों के लिए अलग-अलग होता है और इसका प्रत्येक साल नए मौजूदा CPI के आधार पर पुनरावलोकन किया जाता है.

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