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कोरोना के बावजूद दीपावली पर इसबार रिकॉर्ड 72 हजार करोड़ रुपये का हुआ कारोबार : सुभाष

Bengal news, Asansol news : दीपावली पर देशभर में चीनी उत्पादों के बहिष्कार से कोविड-19 के दौरान भी स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांकों में 10 प्रतिशत का इजाफा भारतीय व्यवसाय के लिए शुभ संकेत है. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरपर्सन सुभाष अग्रवाला ने कहा कि देश के नागरिकों के जागरूक होने से इस दिवाली पर देशी उत्पादों का व्यवसाय 72 हजार करोड़ रुपये का रहा. इससे चीनी कंपनियों को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. यह कैट की पहल से ही संभव हुआ है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से पटाखा उद्योग को 10 हजार करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है.

Bengal news, Asansol news : आसनसोल (शिवशंकर ठाकुर) : दीपावली पर देशभर में चीनी उत्पादों के बहिष्कार से कोविड-19 के दौरान भी स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांकों में 10 प्रतिशत का इजाफा भारतीय व्यवसाय के लिए शुभ संकेत है. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के पश्चिम बंगाल चैप्टर के चेयरपर्सन सुभाष अग्रवाला ने कहा कि देश के नागरिकों के जागरूक होने से इस दिवाली पर देशी उत्पादों का व्यवसाय 72 हजार करोड़ रुपये का रहा. इससे चीनी कंपनियों को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. यह कैट की पहल से ही संभव हुआ है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से पटाखा उद्योग को 10 हजार करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है.

मालूम हो कि भारत और चीन के बीच विवाद शुरू होते ही कैट ने चीनी सामानों के बहिष्कार का नारा दिया और देशभर में विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाना शुरू किया. इसके परिणामस्वरूप राखी के दौरान लोगों ने चीनी निर्मित राखियों का बहिष्कार कर देशी उत्पादों को प्राथमिकता दी थी. देश के नागरिकों के इस सहयोग से उत्साहित कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘लोकल पर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को मूल मंत्र बनाकर देशभर में विदेशी सामानों के बहिष्कार और देशी उत्पादों को अपनाने को लेकर जागरूकता अभियान तेज कर दिया. देशभर में 40 हजार व्यावसायिक संगठनों ने कैट के अभियान का समर्थन किया. देशी उत्पादों से दीपावली पर लोगों की जरूरत का हर समान को बाजार में मुहैया कराया गया. श्री अग्रवाला का कहना है कि कैट की इस पहल से ही बाजार में तेजी आयी है.

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देश के 20 शहरों से लिये गये आंकड़ें

श्री अग्रवाला ने कहा कि देश की 20 अलग-अलग शहर, जो देशभर में सप्लाई चेन का प्रमुख वितरण केंद्र है. इसमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलुरू, हैदराबाद, कोलकाता, नागपुर, भोपाल, रायपुर, भुवनेश्वर, रांची, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, जम्मू, अहमदाबाद, सूरत, कोचिन, जयपुर और चंडीगढ़ शामिल है. यहां से एकत्रित रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली पर देशभर में 72 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जिससे चीन को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ा है. स्टॉक एक्सचेंज के सभी सूचकांक दिवाली में बीएसई 12780 पर और निफ्टी 43467.98 पर बंद हुआ. कोरोना काल के बावजूद पिछली दिवाली की तुलना में इसबार 10 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया. भारतीय बाजार के लिए यह शुभ संकेत है.

पहली बार स्थानीय कारीगरों को दिया गया बढ़ावा

श्री अग्रवाला ने कहा कि चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर कैट के अभियान का देश के नागरिकों ने भरपूर समर्थन दिया. देश के व्यवसायियों ने चीनी निर्मित सामानों को नहीं उठाया और ग्राहकों ने भी चीनी सामानों को मांग नहीं की. देश के लोगों ने चीन को एक बड़ा झटका देते हुए यह संदेश दिया कि भारत को कोई देश डंपिंग यार्ड न समझें. भारत में आत्मनिर्भर बनने की क्षमता है. दिवाली पर लोगों के जरूरत को पूरा करने के लिए पहली बार स्थानीय कलाकार, कारीगर, मूर्तिकार और हस्तशिल्प कलाकारों को बढ़ावा दिया गया. इसके बदौलत ही देशी उत्पादों का इतना बड़ा कारोबार दिवाली पर शुरू हुआ. यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.

Posted By : Samir Ranjan.

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