क्रिप्टोकरेंसी को रोकना अब मुश्किल है, इसलिए इससे संबंधित नियम बनाने की जरूरत है. उक्त बातें आज संसदीय समिति के सदस्यों ने बैठक के दौरान व्यक्त किये. भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने सोमवार को विभिन्न हितधारकों के साथ क्रिप्टो वित्त और क्रिप्टो करेंसी के गुण-दोष पर चर्चा की.
चर्चा के दौरान संसदीय समिति के सदस्य क्रिप्टो करेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बजाय इसके बाजार को नियमों के अधीन करने के पक्ष में रहे. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आयी है. यह बैठक क्रिप्टो करेंसी के बारे में विभिन्न वर्गों में बढ़ती चिंताओं और उनमें व्यापार से उत्पन्न संभावित जोखिमों की पृष्ठभूमि के मद्देनजर हुई.
गौरतलब है कि पूरे विश्व में क्रिप्टोकरेंसी के प्रति लोगों में रुचि बढ़ी है. अभी देश में इसको लेकर न तो विशिष्ट नियम हैं और न ही क्रिप्टो करेंसी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है. क्रिप्टो एक्सचेंजों के प्रतिनिधियों, ब्लॉक चेन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी), उद्योग निकायों के साथ-साथ शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों ने समिति के समक्ष अपने विचार प्रस्तुत किये.
संसदीय समिति की बैठक से कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों और रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की थी. वित्त पर संसद की स्थायी समिति द्वारा इस विषय पर बुलाई गई यह पहली बैठक है.
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समिति के अध्यक्ष यशवंत सिन्हा हैं, जो पूर्व वित्त राज्यमंत्री भी रहे हैं. क्रिप्टो वित्त को लेकर निवेश क्षमता और जोखिमों के बारे में विभिन्न पक्षों की दिलचस्पी और चिंताएं हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी हैं.
Posted By : Rajneesh Anand
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