Digital Payment: मोबाइल फोन से डिजिट पेमेंट करने वालों के लिए एक जरूरी खबर है. अब आप अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड पेटीएम, फोनपे, गूगलपे, आईमोबाइल और योनो आदि डिजिटल पेमेंट ऐप से 5 लाख रुपये तक भुगतान कर सकेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार 8 अगस्त 2024 को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के जरिए किए जाने वाले पेमेंट की सीमा को 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया है.
फिलहाल यूपीओ से पेमेंट लिमिट 1 लाख रुपये
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की 6 अगस्त 2024 को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि यूपीआई अपनी आसान सुविधाओं से भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है. फिलहाल, यूपीआई के लिए कर भुगतान की सीमा 1 लाख रुपये है. उन्होंने कहा कि विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर रिजर्व बैंक ने समय-समय पर पूंजी बाजार, आईपीओ सब्सक्रिप्शन, लोन कलेक्शन, बीमा, चिकित्सकीय और शैक्षिक सेवाओं आदि जैसी कुछ श्रेणियों के लिए सीमाओं की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है.
42.4 लोग यूपीआई का करते हैं इस्तेमाल
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर भुगतान सामान्य, नियमित तथा उच्च मूल्य के हैं. इसलिए यूपीआई के जरिये कर भुगतान की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख प्रति लेनदेन करने का फैसला किया गया है. इस संबंध में आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे. आरबीआई के अनुसार, यूपीआई का यूजर आधार 42.4 करोड़ हो गया है. हालांकि, यूजर आधार के और विस्तार की संभावना है. यूपीआई में डेलिगेटेड पेमेंट्स शुरू करने का भी प्रस्ताव है.
जल्द ही गाइडलाइन जारी करेगा आरबीआई
शक्तिकांत दास ने कहा कि डेलिगेटेड पेमेंट्स से एक व्यक्ति (प्राइमरी यूजर्स) को प्राइमरी यूजर के बैंक खाते पर किसी दूसरे व्यक्ति (सेकेंडरी यूजर) के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी. इससे देशभर में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है. इस संबंध में जल्द ही गाइडलाइन्स जारी की जाएंगी.
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डिजिटल लोन पर डाटा तैयार करने का प्रस्ताव
इसके साथ ही, आरबीआई ने अनधिकृत कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल लोन देने वाले ऐप के सार्वजनिक तौर पर आंकड़े तैयार करने का प्रस्ताव दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्राहकों के हितों की सुरक्षा, डाटा गोपनीयता, ब्याज दरों तथा वसूली प्रक्रियाओं, गलत बिक्री आदि पर चिंताओं से निपटने के लिए दिशानिर्देश 2 सितंबर, 2022 को जारी किए गए थे. हालांकि, मीडिया की खबरों ने डिजिटल लोन देने में बेईमान कंपनियों की मौजूदगी को उजागर किया है, जो आरबीआई से संबद्ध होने का झूठा दावा करती हैं.
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