Union Budget : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आगामी एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी बजट माना जा रहा है. भारत के संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगी. यह उनका चौथा अवसर होगा, जब वह संसद में एक वित्त मंत्री के तौर पर अपना बजट पेश करेंगी. हर साल केंद्र सरकार की ओर से बजट पेश करने से पहले भारत के निवासी कुछ विशेष प्रकार की छूट और सुविधाओं की प्रतीक्षा करते हें और फिर उसी के आधार पर अपने घर के बजट की योजना बनाते हैं. अब यदि आपसे यह पूछा जाए कि भारत में पहली बार केंद्रीय बजट कब पेश किया गया था और भारत के भविष्य के लिए उम्मीदों की नींव किसने रखी थी, तब आपका जवाब क्या होगा? आइए, हम आपको बताते हैं भारत में बजट के इतिहास के बारे में…
बताते चलें कि भारत में पहली बार केंद्रीय बजट ब्रिटिश हुकूमत के दौरान 7 अप्रैल, 1860 को स्कॉटिश अर्थशास्त्री और ईस्ट इंडिया कंपनी के राजनेता जेम्स विल्सन की ओर से पेश किया गया था. पहले ब्रिटिश भारत के बजट के दौरान इसके निर्माताओं ने आय के स्रोत के चार घटकों का लेखा-जोखा पेश किया था. इसमें उन्होंने संपत्ति, पेशे या व्यवसाय, प्रतिभूतियों, वेतन और पेंशन आय से प्राप्त राजस्व को शामिल किया था. उस समय टैक्स के केवल दो स्लैब थे.
एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश साम्राज्य के दौरान पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट में एक व्यक्ति ने अगर दो फीसदी कर का भुगतान किया, तो उनकी वार्षिक आय 500 रुपये से कम थी. वहीं, 500 रुपये से अधिक की आमदनी पर 4 फीसदी टैक्स देना पड़ता था. इस हिसाब से 500 रुपये से कम आय वालों को 10 रुपये और 500 से ज्यादा आय वालों को 20 रुपये टैक्स के रूप में देने पड़ते थे.
अब दूसरा सवाल यह है कि क्या आप उस व्यक्ति को जानते हैं, जिसने हमारे देश में कागजी मुद्रा को पेश किया? इसका जवाब यह होगा कि जेम्स विल्सन ने ही भारत को कागजी मुद्रा से परिचय कराया. अब, आप सोच रहे होंगे कि भारत ने अपना पहला स्वतंत्र बजट कब देखा, तो यह 26 नवंबर, 1947 का दिन था, जब स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट आरके षनमुखम चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया था. आरके षनमुखम उस समय भारत के वित्त मंत्री थे.
आपको यह भी बता दें कि ब्रिटिश शासकों की परंपरा के अनुसार संसद में केंद्रीय बजट शाम पांच बजे पेश किया जाता था. यह फरवरी के अंतिम कारोबारी दिन को पेश किया था. ब्रिटिश शासकों की इस परंपरा का वर्ष 1999 तक पालन किया गया. वर्ष 1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने ब्रिटिश परंपरा के अनुसार आखिरी बार संसद में शाम पांच बजे बजट पेश किया था. फरवरी महीने के अंतिम कार्य दिवस पर केंद्रीय बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग की परंपरा के विपरीत अरुण जेटली ने 1 फरवरी 2017 को बजट पेश करना शुरू किया था.
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इसके साथ ही, आपको यह भी बता दें कि वर्ष 1955 तक संसद में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण अंग्रेजी में पढ़ा जाता था, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में बजट दस्तावेज अंग्रेजी और हिंदी में प्रकाशित किए जाने लगे. फरवरी 2020 में जब कोरोना महामारी के प्रकोप से पूरी दुनिया त्रस्त थी, तब इस साल भारत में पहली बार केंद्रीय बजट पेपरलेस पेश किया गया था. इसके साथ ही, वित्त मंत्री तौर पर निर्मला सीतारमण इंदिरा गांधी के बाद भारतीय इतिहास में संसद में बजट पेश करने वाली दूसरी महिला वित्त मंत्री हैं.
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