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Driving License Rules: अब 16 साल में भी पा सकते हैं ड्राइविंग लाइसेंस, जानिए कैसे करें आवेदन

Driving License Rules: भारत या किसी भी देश में सड़क पर वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य होता है. हर देश में लाइसेंस के नियम और शर्तें भिन्न होती हैं, और भारत में भी ऐसा ही है. सामान्यत: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की न्यूनतम आयु सीमा 18 साल है. लेकिन, एक खास प्रकार का ड्राइविंग लाइसेंस ऐसा भी है जिसे 16 साल की उम्र में ही प्राप्त किया जा सकता है.

Driving License Rules: अब 16 साल में भी पा सकते हैं ड्राइविंग लाइसेंस, जानिए कैसे करें आवेदनभारत या किसी भी देश में सड़क पर वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य होता है. हर देश में लाइसेंस के नियम और शर्तें भिन्न होती हैं, और भारत में भी ऐसा ही है. सामान्यत: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की न्यूनतम आयु सीमा 18 साल है. लेकिन, एक खास प्रकार का ड्राइविंग लाइसेंस ऐसा भी है जिसे 16 साल की उम्र में ही प्राप्त किया जा सकता है. यह लाइसेंस बिना गियर वाली छोटी गाड़ी (जैसे स्कूटी) को चलाने के लिए होता है. इस लेख में हम इसी 16 साल के लाइसेंस के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.

16 साल में कौन सा लाइसेंस बनता है

मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत, 16 साल की उम्र में भी ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन यह केवल उन वाहनों के लिए होता है जिनकी इंजन क्षमता 50 सीसी (क्यूबिक सेंटीमीटर) से कम होती है, जैसे कि छोटी स्कूटी या बाइक. इस लाइसेंस को प्राप्त करने के बाद, आप केवल ऐसे वाहनों को ही चला सकते हैं और कोई अन्य गाड़ी चलाने के लिए 18 साल की उम्र का इंतजार करना होगा. यह लाइसेंस एक तरह से लर्नर लाइसेंस की तरह होता है, परंतु इसकी कुछ खास शर्तें होती हैं. यदि आप इससे बड़े वाहन चलाना चाहते हैं तो आपको 18 साल की उम्र के बाद अपने लाइसेंस को अपडेट करवाना होगा.

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लाइसेंस प्राप्त करने के नियम और शर्तें

मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के चैप्टर-दो में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि 18 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर वाहन नहीं चला सकता. लेकिन, यदि वाहन की इंजन क्षमता 50 सीसी से कम है, तो 16 साल की उम्र में भी व्यक्ति लाइसेंस बनवाकर उसे चला सकता है. यह लाइसेंस केवल बिना गियर वाली गाड़ियों के लिए मान्य होता है, और इस लाइसेंस के साथ आप कार, बाइक या अन्य बड़े वाहन नहीं चला सकते.

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए आपको सबसे पहले परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भरना होगा. आवेदन पत्र में अपनी सभी जरूरी जानकारी जैसे नाम, पता, उम्र और आधार कार्ड की जानकारी भरें. अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है, तो आप वैकल्पिक दस्तावेजों के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिस पर ओटीपी भेजा जाएगा। इस ओटीपी के जरिए आप अपनी पहचान सत्यापित कर सकते हैं.

आवश्यक दस्तावेज

  • ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है:
  • आधार कार्ड (या कोई अन्य पहचान पत्र)
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • जन्म प्रमाण पत्र (उम्र सत्यापन के लिए)

आवेदन शुल्क

लाइसेंस के लिए आवेदन करने के बाद, आपको कुछ नाममात्र की फीस जमा करनी होती है. यह फीस ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से भरी जा सकती है. इसके बाद आपको टेस्ट के लिए तारीख दी जाएगी.

लर्नर लाइसेंस टेस्ट

आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के बाद, आपको लर्नर लाइसेंस के लिए एक टेस्ट देना होगा. यह टेस्ट सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों पर आधारित होता है. टेस्ट को पास करने के बाद आपको लर्नर लाइसेंस मिल जाता है, जिसकी वैधता आमतौर पर 6 महीने होती है.

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स्थायी लाइसेंस

लर्नर लाइसेंस मिलने के बाद, आपको 6 महीने के भीतर स्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा. इसके लिए आपको आरटीओ ऑफिस में जाकर वाहन चलाने का टेस्ट देना होगा. इस टेस्ट में आपकी गाड़ी चलाने की क्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा. टेस्ट पास करने के बाद आपको स्थायी लाइसेंस मिल जाएगा.

16 साल के लाइसेंस से क्या-क्या चला सकते हैं

यह लाइसेंस केवल उन वाहनों के लिए होता है जिनकी इंजन क्षमता 50 सीसी से कम होती है. इसका मतलब है कि आप इसे प्राप्त करने के बाद केवल बिना गियर वाली गाड़ियों जैसे स्कूटी या लो-पावर वाली बाइक को चला सकते हैं. यह लाइसेंस आपको कार, मोटरबाइक या गियर वाली गाड़ियों को चलाने की अनुमति नहीं देता. यदि आप भविष्य में बड़े वाहनों को चलाना चाहते हैं, तो 18 साल की उम्र के बाद आपको अपने ड्राइविंग लाइसेंस को अपग्रेड करवाना होगा.

लाइसेंस के फायदे

  • सुरक्षा का ध्यान: 16 साल की उम्र में लाइसेंस बनवाकर आप ट्रैफिक नियमों को सही तरीके से सीख सकते हैं, जिससे सड़क पर सुरक्षित ड्राइविंग सुनिश्चित हो सके.
  • आत्मनिर्भरता: कम उम्र में ड्राइविंग लाइसेंस होने से आप छोटी दूरी की यात्रा खुद से कर सकते हैं, जिससे आपको आत्मनिर्भरता मिलती है.
  • अनुभव: छोटे वाहनों से ड्राइविंग की शुरुआत करके आप बड़े वाहनों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकते हैं.

ध्यान देने योग्य बातें

  • यह लाइसेंस सिर्फ छोटी गाड़ियों के लिए होता है, इसलिए इसका दुरुपयोग न करें.
  • लाइसेंस प्राप्त करने से पहले ट्रैफिक नियमों और सड़क सुरक्षा का अच्छी तरह से अध्ययन करें.
  • लाइसेंस का उपयोग केवल भारत के नियमों के तहत करें, और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए अलग से लाइसेंस प्राप्त करें.

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