Dunzo: रिलायंस के निवेश वाली हाइपरलोकल डिलीवरी ऐप डंज़ो(Dunzo) के सह-संस्थापक और सीईओ (CEO) कबीर बिस्वास के फ्लिपकार्ट के क्विक कॉमर्स डिवीजन “मिन्थ्स” में शामिल होने के बाद ऑफलाइन हो गया है. ऐप और वेबसाइट पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं, जिससे यूजर को error संदेश दिखाई दे रहा हैं.
Dunzo का संघर्ष और वित्तीय समस्याएं
Dunzo जो कभी भारत के क्विक कॉमर्स बाजार में अग्रणी था वहीं पिछले 12-18 महीनों से संघर्ष कर रहा था. जनवरी 2022 में डंज़ो (Dunzo) ने रिलायंस रिटेल से $200 मिलियन सहित कुल $450 मिलियन से अधिक जुटाए थे, लेकिन कंपनी को लगातार वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके कारण संचालन में भारी कटौती हुई और कर्मचारियों के वेतन में देरी हुई.
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न्यायाधिकरण में मामला और निवेशकों की चिंता
डंज़ो (Dunzo) के लेनदारों ने बकाया भुगतान न होने के कारण कंपनी को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में दाखिल किया. डंज़ो (Dunzo) में रिलायंस रिटेल और गूगल दोनों की बड़ी हिस्सेदारी है.
क्क्विक कॉममेर कॉमर्स में काम्पिटिशन
डंज़ो (Dunzo) ने भारत के त्वरित वाणिज्य क्षेत्र में अग्रणी रहते हुए भी ज़ोमैटो के स्वामित्व वाले ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट और ज़ेप्टो जैसे प्रतिद्वंद्वियों से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने का सामना किया. मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लिंकिट 46% बाजार हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर है, ज़ेप्टो 29% के साथ दूसरे और स्विगी इंस्टामार्ट 25% बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर है.
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