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Economic Survey 2023: इंडियन रेलवे पैसेंजर सेगमेंट पर अभी भी कोरोना महामारी का असर, माल ढुलाई में ग्रोथ

Economic Survey 2023 में कहा गया है कि कोरोना महामारी की कठिन परिस्थिति के बाद भी भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई सेगमेंट में बढ़त बनाए रखा है. जबकि, यात्री सेगमेंट अभी भी महामारी के कहर से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है.

Economic Survey 2023: आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोरोना महामारी की कठिन परिस्थिति के बाद भी भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने माल ढुलाई सेगमेंट में बढ़त बनाए रखा है. जबकि, यात्री सेगमेंट अभी भी महामारी के कहर से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है.

रेलवे ने माल ढुलाई से अर्जित किया 976.8 मिलियन टन राजस्व

वित्त वर्ष 2022-23 (नवंबर 2022 तक) के दौरान इंडियन रेलवे ने माल ढुलाई से वित्त 901.7 मिलियन टन की तुलना में 976.8 मिलियन टन राजस्व अर्जित किया. हालांकि, इसमें केआरसीएल को शामिल नहीं किया गया है.

FY 2023 में रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास पर 2.5 लाख करोड़ खर्च

वहीं, रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास पर भी वित्त वर्ष 2023 में 2.5 लाख करोड़ खर्च किया गया. जो बीते साल की तुलना में 29 फीसदी ज्यादा है. भारतीय रेलवे के बुनियादी विकास के साथ-साथ मुंबई अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट, गति शक्ति मल्टी मोडल कार्गो टर्मिनल, वंदे भारत ट्रेनों को शामिल किया गया है. इसके अलावा इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम, हाइपरलूप तकनीक का विकास और किसान रेल ट्रेनों की शुरुआत भी शामिल हैं.

भारतीय रेलवे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कर रहा संघर्ष

बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023 पेश किया, जिसमें समीक्षा की गई है कि इस वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था ने कैसा प्रदर्शन किया और अगले वर्ष के लिए आगे की राह क्या होगी. बताया गया कि अप्रैल-नवंबर 2022-23 के दौरान भारतीय रेलवे ने 4.184 बिलियन से अधिक यात्रियों को ढोया, जो 2021-22 में 3.519 बिलियन यात्रियों की तुलना में बहुत अधिक है. लेकिन, आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 2019-20 में 8.086 बिलियन यात्रियों की तुलना में कम है. जबकि, पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22) की तुलना में वृद्धि आश्चर्यजनक है, जो मुख्य रूप से एक सांख्यिकीय आधार प्रभाव के कारण था, क्योंकि भारत कोविड-19 की कई लहर लहर से त्रस्त था. हालांकि, भारतीय रेलवे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहा है.

31 अक्टूबर तक रेलवे ने 2,359 किसान रेल सेवाओं का किया संचालन

7 अगस्त, 2020 को शुरू की गई किसान रेल सेवा फल, सब्जियां, मांस, पोल्ट्री, मत्स्य पालन और डेयरी उत्पादों जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों को उत्पादन या अधिशेष से उपभोग या कमी वाले स्थानों पर ले जाती है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि इसके लॉन्च से लेकर 31 अक्टूबर, 2022 तक भारतीय रेलवे ने 2,359 किसान रेल सेवाओं का संचालन किया, जिसमें फलों और सब्जियों सहित लगभग 7.91 लाख टन जल्दी खराब होने वाले सामानों की ढुलाई की गई. इसमें लगभग 5.68 लाख टन फलों और सब्जियों के परिवहन के मुकाबले 15 दिसंबर, 2021 तक 115 करोड़ रुपये की परिवहन सब्सिडी शामिल है. जनवरी 2022 के मध्य तक भारतीय रेलवे ने 1,900 किसान रेल सेवाओं का संचालन किया था, जिसमें फलों और सब्जियों सहित लगभग 6.23 लाख टन जल्दी खराब होने वाले सामानों की ढुलाई की गई थी.

रेलवे में बढ़ रहा निवेश

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अप्रैल-नवंबर 2022 में भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय के रूप में 1.15 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पूंजीगत व्यय में 76.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. चालू वित्त वर्ष (12 दिसंबर 2022 तक) के दौरान, राष्ट्रीय वाहक पहले ही 2022 ट्रैक किलोमीटर (TKM) पूरा कर चुका है, जिसमें नई लाइन के 109 टीकेएम, गेज रूपांतरण के 102 टीकेएम और बहु-ट्रैकिंग परियोजनाओं के 1811 टीकेएम शामिल हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2021-22 में 2022 टीकेएम मार्च के पहले सप्ताह में ही पूरा हो गया था.

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