Economic Survey: जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में नल जल कनेक्शन की संख्या नवंबर 2024 तक लगभग 15.30 करोड़ हो गई है, जो मिशन की सफलता को दर्शाता है. यह जानकारी शुक्रवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में दी गई है. जल जीवन मिशन को अगस्त 2019 में शुरू किया गया था, और तब से लेकर अब तक इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की सुलभता और गुणवत्ता में सुधार किया है. आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि शुरुआत में 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों के पास ही नल जल कनेक्शन थे, लेकिन अब तक लगभग 12.06 करोड़ से अधिक परिवारों को जल कनेक्शन मिल चुका है.
मिशन की सफलता का प्रभाव
जल जीवन मिशन के तहत पेयजल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. खासकर, उन क्षेत्रों में जहां आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे जल गुणवत्ता के मुद्दे थे. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वस्थ जीवन और जल सुरक्षा में वृद्धि हुई है, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद मिली है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 26 नवंबर 2024 तक, 19.34 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 15.30 करोड़ (79.1%) को नल जल कनेक्शन मिल चुके हैं.
नल जल कनेक्शन से लैस राज्यों की स्थिति
देश के आठ राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तेलंगाना और मिजोरम) और तीन केंद्र शासित प्रदेशों (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादरा नगर हवेली और दमन दीव और पुडुचेरी) में अब शत-प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन मिल चुका है.
स्वच्छता के लक्ष्य की ओर कदम
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच 1.92 लाख गांवों को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) प्लस घोषित किया गया, जिससे ओडीएफ प्लस गांवों की कुल संख्या 3.64 लाख हो गई. यह देश में स्वच्छता और जल सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
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भविष्य की दिशा
जल जीवन मिशन का उद्देश्य नवंबर 2024 तक पूरे देश में 100% ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन प्रदान करना का रहा है. इसके साथ ही, स्वच्छता अभियान और जल सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता लगातार मजबूत हो रही है. नल जल कनेक्शन से न सिर्फ ग्रामीण जीवन को समृद्धि मिल रही है, बल्कि स्वास्थ्य और विकास के रास्ते भी खुल रहे हैं. जल जीवन मिशन की सफलता भविष्य में भारत को एक जल-सुरक्षित राष्ट्र बनाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकती है.
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