नयी दिल्ली : विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामलों में संलग्न संपत्तियों का एक हिस्सा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र सरकार को हस्तांतरित किये जाने के बाद मेहुल चौकसी के अधिवक्ता ने बुधवार को बयान जारी कर दावा किया है कि ईडी वास्तव में बैंकों को देय धन से कहीं अधिक संपत्तियां कुर्क की हैं.
Enforcement Directorate (ED) not only seized assets worth Rs 18,170.02 cr (80.45% of total loss to banks) in the case of Vijay Mallya, Nirav Modi and Mehul Choksi under PMLA but also transferred a part of attached/ seized assets of Rs 9371.17 cr to the PSBs and Central Govt: ED pic.twitter.com/lQHbd8VJBU
— ANI (@ANI) June 23, 2021
न्यूज एजेंसी aninews.in के मुताबिक, मेहुल चौकसी मामले में एडवोकेट विजय अग्रवाल ने कहा है कि, ”ईडी ने वास्तव में बैंकों के पैसे से कहीं अधिक संपत्तियां कुर्क की हैं. इसके अलावा, यह देखना है कि मूल राशि और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल या ओटीएस में बैंक क्या कर रहा है. मामले में, बैंक मूलधन के साथ-साथ ब्याज की सौ फीसदी से अधिक की वसूली करेंगे.
उन्होंने कहा कि मुझे संदेह है कि बैंकों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के रूप में धन कैसे मिलेगा. पीड़ितों को पैसा देने का कोई प्रावधान नहीं है और धन को जब्त कर लिया गया है. साथ ही कहा कि केंद्र सरकार हालांकि मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम की रोकथाम में, संपत्ति नियम 2016 की मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम में 2019 में एक संशोधन है, अब एक पीड़ित के रूप में बैंक विशेष न्यायाधीश पीएमएलए से संपर्क कर सकता है और अपनी संतुष्टि के लिए जब्त की गयी संपत्ति की मांग कर सकता है.
मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है. ईडी ने बुधवार को विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़े मामलों में 9,371.17 करोड़ रुपये की संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दी. ईडी ने पीएमएलए के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में ना केवल 18,170.02 करोड़ रुपये (बैंकों को हुए कुल नुकसान का 80.45%) की संपत्ति जब्त की, बल्कि जब्त संपत्ति का एक हिस्सा भी स्थानांतरित कर दिया.
मालूम हो कि विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने कथित तौर पर विभिन्न बैंकों को अपनी कंपनियों के माध्यम से धन की हेराफेरी करके धोखा दिया. इससे बैंकों को कुल 22,585.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. मालूम हो कि जब्त संपत्ति 18,170.02 करोड़ रुपये में 969 करोड़ विदेशों में स्थित है. वहीं, विज्ञप्ति में बताया गया है कि पीएमएलए की जांच पूरी होने के बाद तीनों आरोपितों के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम (यूके), एंटीगुआ और बारबुडा को प्रत्यर्पण अनुरोध के साथ अभियोजन शिकायतें दर्ज की गयी हैं.
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