कोरोना महामारी के चलते देशभर में किए गए लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर आने लगी है. केन्द्र सरकार ने मांग में बढ़ोत्तरी की उम्मीद को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) को 31 मार्च,2021 तक बढ़ाने का ऐलान किया है. इस स्कीम के तहत अब तक 2 लाख करोड़ से ज्यादा का लोन बांटा जा चुका है. इस स्कीम को बढ़ाए जाने से जो लोन लेना चाह रहे थे, लेकिन अब तक इस स्कीम के तहत लोन के लिए अप्लाई नहीं कर सके थे, ऐसे लोगों को फायदा मिलेगा.
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) की शुरुआत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई 2020 में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के कारण हुए संकट को कम करने के लिये किया गया था, जिसके तहत पीएम मोदी ने कोरोना वायरस की महामारी से प्रभावित इकोनॉमी को सहारा देने के लिए मई महीने में 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी. इस पैकेज के तहत ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना शुरू की गई थी, जिससे तहत अब तक 2 लाख करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं.
-
वित्त मंत्री द्वारा घोषित इस योजना का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs), व्यावसायिक उद्यमों, तथा मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) के उधारकर्त्ताओं को पूरी तरह से गारंटी एवं गारंटी फ्री लोन प्रदान करना है.
-
वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक ईसीएलजीएस (ECLGS) 1.0 के तहत 61 लाख उधारकर्ताओं को 2.05 लाख करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है. इसमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये कर्जदारों को दिए गए हैं.
-
इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राशि उनकी कुल बकाया राशि की 20 फीसदी होगी.
-
इस योजना के तहत 100 प्रतिशत गारंटी फ्री लोन की गारंटी राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) द्वारा प्रदान की जा रही है, जबकि बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFCs) योजना के तहत ऋण प्रदान करेंगी.
-
व्यावसायिक उद्यम / MSMEs को प्रोपराइटरशिप, पार्टनरशिप, रजिस्टर्ड कंपनी, ट्रस्ट और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) के रूप में दिए गए लोन इस योजना के तहत आएंगे.
-
व्यावसायिक उद्यमों / MSMEs में 29.2.2020 पर या उससे पहले के प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन स्कीम में शामिल होंगे और इसे MUDRA पोर्टल पर रिपोर्ट किया जाएगा.
-
इंडिविजुअल कैपेसिटी में दिए गए लोन योजना के अंतर्गत नहीं आएंगे.
-
यह योजना मौजूदा ग्राहकों के लिए MLI के आधार पर उपलब्ध है.
-
स्कीम में आने के लिए 29 फरवरी, 2020 तक उधारकर्ता खाते 60 दिनों से कम या पिछले दिनों के बराबर होने चाहिए. जिन उधारकर्ताओं के पास एनपीए या एसएमए -2 खाते है, वे योजना के तहत योग्य नहीं होंगे.
-
व्यावसायिक उद्यम / MSME उधारकर्ता को उन सभी मामलों में GST पंजीकृत होना अनिवार्य है. यह शर्त उन व्यावसायिक उद्यमों / MSME पर लागू नहीं होगी जिन्हें GST पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है.
-
योजना के तहत आने के लिए यह आवश्यक नहीं है कि उधारकर्ताओं के मौजूदा लोन को NCGTC के ECLGS के तहत कवर किया जाए.
-
यदि उधारकर्ता के पास कई लोन अकाउंट हैं, तो उधारकर्ता और MLI के बीच समझौते के आधार पर GECL को एक ऋणदाता या मौजूद सभी ऋणदाताओं में से प्रत्येक के अनुपात के हिसाब से लोन दिया जा सकता है.
-
यदि उधारकर्ता किसी एक ऋणदाता से बकाया लोन के 20% से अधिक की राशि लेना चाहता है, उधारकर्ता के पास अन्य सभी उधारदाताओं से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता होगी.
Posted by : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.