Budget 2025: उद्योग मंडल फिक्की के सदस्यों ने बजट 2025-26 से पहले प्रत्यक्ष कर ढांचे की समीक्षा का आह्वान किया है. उनका मानना है कि कर स्लैब और दरों में बदलाव से नागरिकों के पास अधिक पैसा बचेगा, जिससे खपत और आर्थिक मांग में वृद्धि होगी.
सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु
- फिक्की ने दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 के बीच एक बजट-पूर्व सर्वेक्षण किया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की 150 से अधिक कंपनियों ने हिस्सा लिया.
- प्रतिभागियों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.5-6.9% तक रह सकती है।
कर सुधार की आवश्यकता
- कर स्लैब और दरों पर पुनर्विचार
- कर प्रक्रिया को सरल बनाना
- अनुपालन को डिजिटलीकरण के माध्यम से आसान बनाना
हरित प्रौद्योगिकी और ईवी को बढ़ावा
सदस्यों ने हरित प्रौद्योगिकियों, नवीकरणीय ऊर्जा, और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विकास के लिए नीतिगत प्रोत्साहन की मांग की है. उनका मानना है कि यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा.
कर प्रणाली में सुधार की जरूरत
- कर निश्चितता प्रदान करना: अप्रत्याशित कर परिवर्तनों को रोकना
- सीमा शुल्क स्थिरता: आयात और निर्यात से जुड़े करों में स्थिरता सुनिश्चित करना
- टीडीएस प्रावधान युक्तिसंगत बनाना: टीडीएस नियमों को सरल और स्पष्ट बनाना
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सरकार से अपेक्षाएं
सदस्यों ने नीतिगत ढांचे में सुधार की अपेक्षा की है, जिससे व्यापार सुगमता में वृद्धि हो और भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके. फिक्की का यह सर्वेक्षण बजट 2025-26 के लिए उद्योग जगत की प्रमुख मांगों को दर्शाता है. कर सुधार, हरित प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन और डिजिटलीकरण जैसे कदम अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा ला सकते हैं.
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