नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के दूसरी किस्त की घोषणा की. उन्होंने आज यह जानकारी दी कि सरकार किसानों, प्रवासी मजदूरों और फुटपाथ दुकानदारों के लिए क्या योजनाएं लेकर आयी है, जो कोविड 19 के दौर में उन्हें राहत देगी. वित्तमंत्री ने घोषणाओं की शुरुआत करते हुए कहा कि तीन करोड़ किसान पहले ही सस्ती ब्याज दर पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज उठा चुके हैं. प्रधानमंत्रह नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के प्रकोप से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत पहुंचाने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी के करीब 10 प्रतिशत) के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की थी. आइए जानते हैं कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं में क्या था खास-
– प्रवासी मजदूरों के राशन के लिए 35 सौ करोड़ की सहायता दी जा रही है. आठ करोड़ मजदूरों को अगले दो महीने तक पांच-पांच किलो चावल, गेहूं और एक किलो चना दिया जायेगा. यह सुविधा बिना राशनकार्ड वालों के लिए भी है.
-छह लाख से 18 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले मध्यम आय श्रेणी परिवारों के लिए किफायती आवास योजना का लाभ मार्च 2021 तक बढ़ाया जायेगा.
-अगले तीन महीने में एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना को लागू कर दिया जायेगा, जिसके बाद एक ही राशन कार्ड से देश के किसी भी स्थान पर गरीबों को राशन मिलेगा.
– देश में कामगारों को न्यूनतम वेतन दिलाने के लिए सरकार कर रही है प्रयास. सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जायेंगी. सरकार यह प्रयास करेगी कि मजदूरों को ईएसआईसी की सुविधा मिले. साथ ही जिन जगहों पर महिलाएं रात को काम करती हैं, वहां सुरक्षा की व्यवस्था होगी.
– सरकार ने 50 हजार रुपये तक के मुद्रा-शिशु ऋण के लिए 1,500 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता योजना की घोषणा की.
-कोरोना वायरस संकट के दौरान 12,000 स्वयं सहायता समूहों ने 3 करोड़ मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइजर बनाया. इन्हें पैसा पोर्टल के जरिये कोष उपलब्ध कराया जा रहा है. पिछले दो महीनों में शहरी गरीबों के लिए 7,200 नये स्वयं सहायता समूह बनाये गये.
– प्रवासी मजदूरों को सरकार मनरेगा के तहत काम देगी. यह प्रयास होगा कि 50 प्रतिशत मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाये और इसके लिए सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दे दिया है.
-सरकार यह प्रयास करेगी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे घरों का निर्माण किया जायेगा, जहां प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को कम किराये पर घर मिल सके.
– कोविड के दौर में फुटपाथ दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा इसलिए इन 50 लाख फुटपाथ दुकानदारों के लिए सरकार पांच हजार करोड़ रुपये की सहायता देगी.
-ग्रामीण और आदिवासी बहुल इलाकों में खासकर आदिवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार कैंपा फंड के तहत छह करोड़ का प्रावधान करेगी.
– सरकार किसानों को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता देगी जो उन्हें नाबार्ड के जरिये मिलेगा.
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