नयी दिल्ली : सरकार ने चालू वित्त वर्ष के बचे हुए वक्त के लिए देश के अंदर किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक भुगतान पर टीडीएस और टीसीएस की रेट में 25 फीसदी की कटौती कर दी है. गुरुवार से ही यह छूट वेतन को छोड़ कर अन्य प्रकार के भुगतानों पर लागू होगी. इससे टैक्सपेयर्स के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी. वित्त मंत्री निर्मता सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मिलकर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ब्योरा देते हुए बुधवार को इस बात का ऐलान किया.
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उन्होंने कहा कि स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) की दरों में वित्त वर्ष की शेष अवधि के दौरान 25 फीसदी की रियायत दी जायेगी. सीतारमण ने कहा कि गुरुवार से लेकर 31 मार्च 2021 तक टीडीएस और टीसीएस की मौजूदा दर में 25 फीसदी की कटौती की जायेगी. यह कटौती ठेकेदारों को किये जाने वाले भुगतान, ब्याज भुगतान, किराया, लाभांश, कमीशन अथवा ब्रोकरेज सभी पर लागू होगी. ये सभी टीडीएस, टीसीएस में दरों में 25 फीसदी कमी के लिए पात्र होंगे.
उन्होंने कहा कि इससे करीब 50,000 करोड़ रुपये करदाताओं के हाथ में बचेंगी, जो अन्यथा टीडीएस और टीसीएस के रूप में सरकार के खाते में जाती. टीडीएस की दरें एक फीसदी से लेकर 30 फीसी तक है. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जिन मामलों में कर आकलन की तिथि 30 सितंबर को समाप्त हो रही थी, उसे बढ़ा कर 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया है. इसी प्रकार 31 मार्च 2021 को जिनकी आकलन समयसीमा समाप्त हो रही है, उसे छह महीने बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 तक कर दिया गया है.
नांगिया एंडरसेन एलएलपी के निदेशक संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि वेतन को छोड़कर अन्य तरह के भुगतानों में टीडीएस और टीसीएस दर में 25 फीसदी की कटौती से कारोबारियों के हाथ में अतिरिक्त 25 फीसदी नकदी उपलब्ध होगी. इससे अर्थव्यवसथा में नकदी बढ़ेगी.
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