First Cry IPO: बच्चों के कपड़ों और उनसे जुड़े प्रोडक्ट बेचने वाले सॉफ्टबैंक समर्थित फर्स्टक्राई के द्वारा साल 2023 के आखिरी सप्ताह में आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास आवेदन किया गया था. हालांकि, अब बताया जा रहा है कि कंपनी के सीईओ सुपम माहेश्वरी ने अपनी हिस्सेदारी में से 62 लाख शेयर बेच दिया है. इसका खुलासा बाजार नियामक के पास दाखिल आईपीओ के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) से हुआ है. उन्होंने प्रत्येक शेयर ₹487.44 के मूल्य से बेचा, जो लगभग 300 करोड़ के बराबर था. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सीईओ ने खुद को पब्लिक इश्यू में सेलिंग शेयरधारक के रूप में भी सूचीबद्ध किया है. यह ऑफलोडिंग आईपीओ के नए इश्यू घटक की तैयारी के लिए की गई थी. शेयर बेचने से पहले, सुपम माहेश्वरी के पास कंपनी में 7.46 प्रतिशत हिस्सेदारी (35,097,831 शेयर) थी. मगर अब कंपनी में उनकी हिस्सेदारी घटकर 5.95 फीसदी (28,893,347 शेयर) रह गई है. कंपनी आईपीओ के माध्यम से 3.5-3.75 बिलियन डॉलर जुटाने की कोशिश कर रही है. हालांकि, आईपीओ की तारीख अभी तक तय नहीं हुई है. इस बीच, हम आपको बताते हैं कि उन्होंने कैसे शुरू किया था फर्स्टक्राई.
फर्स्टक्राई के सीईओ सुपम माहेश्वरी कौन हैं?
सुपम माहेश्वरी भारत के अग्रणी बच्चों के कपड़ों और बच्चों की देखभाल करने वाली प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी फर्स्टक्राई के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं. उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से स्नातकोत्तर की डिग्री ली है. उन्होंने बिजनेस की दुनिया में ब्रेनविसा नामक कंपनी के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी. सुपम माहेश्वरी को फर्स्टक्राई जैसा प्लेटफॉर्म बनाने का विचार अपने व्यक्तिगत अनुभव से आया. अपने पहले बच्चे के बाद, उन्हें एहसास हुआ कि भारत में बच्चों के लिए उत्पाद विकल्प सीमित हैं. वो जब अपने काम से किसी दूसरे देश जाते तो अपने बच्चे के लिए वहां से सामान खरीदकर लाते. इसके बाद, उन्होंने 2010 में अमिताव साहा के साथ फर्स्टक्राई की स्थापना की. फर्स्टक्राई को दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ शिशु उत्पादों को भारत में लाने के लिए एक ऑनलाइन मंच के रूप में विकसित किया गया था. अब, कंपनी इस साल अपना आईपीओ लॉन्च करने की राह पर है.
कौन-कौन बेच रहा है शेयर
सेबी के पास दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, टाटा ने सभी 77,900 शेयरों को ₹84.72 की प्रति शेयर के औसत से बेचने की योजना बनायी है. डीआरएचपी के अनुसार, ऑनलाइन रिटेलर की मूल कंपनी ब्रेनबीज ₹1,816 करोड़ के नए शेयर जारी करेगी. जबकि मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (Offer For Sell) के माध्यम से 54.39 मिलियन शेयर बेचेंगे. साथ ही, ओएफएस में प्रमुख विक्रेताओं में 20.3 मिलियन शेयरों के साथ सॉफ्टबैंक का एसवीएफ फ्रॉग (केमैन), 2.8 मिलियन शेयरों के साथ महिंद्रा एंड महिंद्रा, 8.6 मिलियन शेयरों के साथ पीआई अपॉर्चुनिटीज फंड-1, टीपीजी ग्रोथ वी एसएफ मार्केट्स 3.9 मिलियन शेयरों के साथ, और न्यूक्वेस्ट एशिया इन्वेस्टमेंट्स 3 मिलियन शेयरों के साथ शामिल होने वाले हैं. अन्य विक्रेताओं में 2.5 मिलियन शेयरों के साथ एप्रीकॉट इन्वेस्टमेंट्स, 2.4 मिलियन शेयरों के साथ वैलेंट मॉरीशस पार्टनर्स, 8.37 मिलियन शेयरों के साथ टीआईएमएफ होल्डिंग्स (मॉरीशस), 8.37 मिलियन शेयरों के साथ थिंक इंडिया अपॉर्चुनिटीज और 6.16 मिलियन शेयरों के साथ श्रोडर्स कैपिटल इस लिस्ट में शामिल हैं.
फर्स्टक्राई आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग कैसे करेगी कंपनी?
फर्स्टक्राई के बाजार फायलिंग के अनुसार, कंपनी बाजार से प्राप्त पैसों को तीन कैटेगरी में बांटकर इस्तेमाल करने वाली है. इसका मुख्य मकसद, नये स्टोर खोलने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का है. कंपनी के अनुसार, वो अपने पैसों का ऐसे इस्तेमाल करेगी.
• नए स्टोर, गोदाम स्थापित करना
• भारत में मौजूदा चिन्हित दुकानों के लिए लीज भुगतान
• विदेशी विस्तार के लिए सहायक कंपनी फर्स्टक्राई ट्रेडिंग में निवेश
• सऊदी अरब में नए गोदाम और स्टोर स्थापित करना
• बिक्री और विपणन पहल
• प्रौद्योगिकी और डेटा विज्ञान लागत, जिसमें क्लाउड और सर्वर होस्टिंग-संबंधित खर्च भी शामिल हैं.
• अधिग्रहण और अन्य रणनीतिक पहलों और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के माध्यम से अकार्बनिक विकास को वित्त पोषित करना.
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