20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना संकट के बावजूद एफडीआइ में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी, जानिए नौ महीने में कितने अरब डॉलर आया विदेशी निवेश

कोरोना वायरस महामारी संकट के कारण पूरी दुनिया आर्थिक संकट का सामना कर रही है. भारत में भी कोरोना के कारण आर्थिक विकास दर प्रभावित हुआ, लेकिन इसके बावजूद विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर बना रहा.

  • एफडीआइ में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी

  • 40% बढ़ा इक्विटी एफडीआइ पहले नौ महीने में

  • 24% अधिक आया एफडीआइ दिसंबर 2020 के महीने में

कोरोना वायरस महामारी संकट के कारण पूरी दुनिया आर्थिक संकट का सामना कर रही है. भारत में भी कोरोना के कारण आर्थिक विकास दर प्रभावित हुआ, लेकिन इसके बावजूद विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर बना रहा. कोरोना काल में भारत में रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) आया. वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 के नौ महीने के दौरान रिकॉर्ड 67.54 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया और पिछले साल के इसी अवधि के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुकाबले 22 फीसदी अधिक है.

यह अबतक किसी भी वित्तीय वर्ष के पहले नो महीनों के दौरान दर्ज किया गया सबसे ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश रहा है. पिछले वित्त वर्ष यानी अप्रैल से दिसंबर 2019 के दौरान देश में 55.14 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था.

मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ महीने में इक्विटी एफडीआइ में पिछले साल के समान अवधि के मुकाबले 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी है. पिछले साल इसी अवधि में देश में 36.77 अरब डॉलर का इक्विटी एफडीआइ आया था, जो वित्त वर्ष 2020-21 के पहले नौ महीने में बढ़ कर 51.47 बिलियन डॉलर हो गया है.

पिछले वर्ष के मुकाबले 22 प्रतिशत बढ़ा एफडीआइ

  • 40% बढ़ा इक्विटी एफडीआइ पहले नौ महीने में

  • 24% अधिक आया एफडीआइ दिसंबर 2020 के महीने में

तीसरी तिमाही में 37 प्रतिशत बढ़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान एफडीआइ में पिछले साल के मुकाबले 37 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी और यह 19.09 बिलियन डॉलर से बढ़ कर 26.16 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है. वहीं दिसंबर के महीने में एफडीआइ में पिछले साल दिसंबर के मुकाबले 24 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 7.46 बिलियन डा‍ॅलर से बढ़ कर 9.22 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया.

नीतियों में किये गये बदलाव का है असर: वित्त मंत्रालय का कहना है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अर्थव्यवस्था में बढ़त के बेहद जरूरी गैर-कर्ज वित्त का स्रोत है. सरकार ने लगातार अपनी नीतियों में ऐसे बदलाव किये हैं, जिससे भारत विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बन गया है. एफडीआइ बढ़ने का कारण वित्तीय सुधार, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का मौहाल बनाना और निवेश के मौके उपलब्ध कराना है. सरकार सभी क्षेत्रों में एफडीआइ बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.

Posted by : Pritish sahay

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें