मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10 अप्रैल को समाप्त में लगभग दो अरब डॉलर बढ़कर 476.5 अरब डॉलर हो गया. उन्होंने कहा कि यह विदेशी मुद्रा भंडार देश के करीब एक साल (11.8 महीने) के आयात लिए पर्याप्त है. रिजर्व बैंक के पिछले प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार तीन अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 474.66 अरब डॉलर था. कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों देश के पास इस स्तर के विदेशी मुद्रा भंडार को एक बड़ी ताकत या संपत्ति माना जा रहा है.
Also Read: विदेशी मुद्रा भंडार 44.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 448.2 अरब डॉलर की ऑल टाइम हाई पर
गवर्नर दास ने कहा कि फरवरी में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2.9 अरब डॉलर का हुआ था, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह एफडीआई 1.9 अरब डॉलर था. इसी तरह, इक्विटी में शुद्ध विदेशी पोर्टफोलियो निवेश भी 1-9 अप्रैल की अवधि में 0.4 अरब डॉलर से अधिक का हुआ था, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 0.2 अरब डॉलर निवेश प्रवाह के मुकाबले अधिक था.
उन्होंने कहा कि इसी अवधि में ऋण-पत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश एक साल पहले 0.9 अरब डॉलर कम हुआ था. इस बार इस दौरान 0.7 अरब डॉलर की शुद्ध निकासी दर्ज की गयी. उन्होंने कहा कि हालांकि, मार्च में निर्यात में 34.6 फीसदी की कमी आयी. यह 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के समय की गिराव से ज्यादा बड़ी है. उन्होंने कहा कि लौह अयस्क को छोड़कर, सभी निर्यात क्षेत्रों में निर्यात में गिरावट देखी गयी.
उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट उपकरणों को छोड़कर पण्य वस्तुओं (मर्चेंडाइज) के आयात में मार्च में 28.7 फीसदी की गिरावट आयी है. उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप मार्च 2020 में व्यापार घाटा घटकर 9.8 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले 11 अरब डॉलर का था.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.