नयी दिल्ली : आधार-पैन कार्ड को जोड़ने से लेकर रसोई गैस की कीमतों में संभावित वृद्धि तक या फिर रसोई गैस सब्सिडी तक आज यानी 1 सितंबर से आम जनता के जीवन में कई बदलाव हो गये हैं. इसके साथ ही बैंकिंग से संबंधित कई नियमों में 1 सितंबर से बदलाव किये गये हैं. चाहे वे एटीएम से कैश निकालने का मामला हो या फिर ऑनलाइन पेमेंट का, कुछ नियम बदले हैं.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने पहले निर्देश दिया था कि पैन कार्ड और आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य है और इसे 30 सितंबर के भीतर किया जाना है. इस मामले सेपरिचित बैंक अधिकारियों के अनुसार, ऐसा नहीं करने पर कुछ काम अटक सकते हैं. पूर्ववर्ती दिशा-निर्देशों के अनुसार, खाते में 50,000 रुपये से अधिक जमा करने के मामले में बैंक खाते को पैन से जोड़ना पड़ता था.
1 सितंबर से नियोक्ता भविष्य निधि (पीएफ) के अपने योगदान को केवल तभी जमा कर सकते हैं जब कर्मचारी का आधार नंबर उनके यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जुड़ा हो. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 की धारा 142 में संशोधन किया, जिसने विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने, भुगतान प्राप्त करने और लाभ प्राप्त करने के लिए आधार-पीएफ लिंकिंग को अनिवार्य बना दिया है.
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सितंबर की शुरुआत में रसोई गैस की कीमतें एक बार फिर बढ़ रही हैं. रिपोर्ट्स ने पिछले महीने संकेत दिये थे. अब, पेट्रोलियम कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में एक बार फिर से 25 रुपये की बढ़ोतरी की है. दिल्ली में बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमत 884.50 रुपये कर दी गयी है. 18 अगस्त को रसोई गैस की कीमत 25 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गयी थी. इससे पहले जुलाई में भी रसोई गैस की कीमत में 25.50 रुपये की वृद्धि की गयी थी.
चूंकि रसोई गैस की कीमतों में लगातार दो महीनों तक उछाल देखा गया था, इसलिए उम्मीद की जा रही थी कि यह प्रवृत्ति सितंबर में भी जारी रहेगी. इस साल जनवरी से रसोई गैस की कीमतों में 165 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी हुई है. नयी दरें आज से प्रभावी हैं. 19 किलो के वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमत में भी 75 रुपये की वृद्धि हुई है, जिसकी कीमत अब दिल्ली में 1,693 रुपये होगी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने किसी भी धोखाधड़ी वाले कृत्य को रोकने के लिए जारीकर्ता के विवरण को सत्यापित करने के लिए 2020 में चेक समाशोधन के लिए एक नयी सकारात्मक वेतन प्रणाली निर्धारित की है. हालांकि, यह प्रणाली इस साल 1 जनवरी को लागू हुई थी.
निजी क्षेत्र के ऋणदाता ने अपने खाताधारकों को एसएमएस के माध्यम से नियम के बारे में सूचित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जो ग्राहक उच्च मूल्य के चेक जारी कर रहे हैं, उन्हें अब इस नयी प्रणाली के तहत चेक निकासी के लिए अपने संबंधित बैंकों को सूचित करना होगा. यह चेक जारी करने और निकासी से संबंधित बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए है.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नेटवर्क के लिए भी इसी महीने से नये नियम जारी किए जा रहे हैं. गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) ने कहा है कि अब से जीएसटीआर-1 को नियमों के मुताबिक दाखिल करने के लिए केंद्रीय जीएसटी नियम के नियम-59(6) के तहत सब कुछ जमा करना होगा. इन नये प्रोटोकॉल के अनुसार कोई भी व्यक्ति GSTR-1 तब तक दाखिल नहीं कर सकता जब तक वह GSTR-3B फॉर्म नहीं भरता.
Posted By: Amlesh Nandan.
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