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Adani Group का बड़ा एलान, भारतीय बाजार से जुटाएगी 150 करोड़, जानें कैसे खरीद सकते हैं कंपनी बॉन्ड

Adani Group ने भारतीय बॉन्ड मार्केट से 150 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनायी है. ये बॉन्ड भारतीय बाजार में जारी किये जाएगे. इन योजनाओं से अडानी ग्रुप का मकसद निवेशकों का भरोसा जीतना है.

Adani Group ने भारतीय बॉन्ड मार्केट से 150 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनायी है. ये बॉन्ड भारतीय बाजार में जारी किये जाएगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कैपिटल एक्सपेंडिचर की जरूरतों को पूरा करने के लिए अडाणी ग्रुप के द्वारा बॉन्ड से जमा किये पैसे का इस्तेमाल किया जाएगा. कंपनी के द्वारा इन बॉन्ड को पांच से दस अरब के लॉट में जारी किया जाएगा. इसमें लिस्टेड और अन लिस्टेड दोनों तरह के बॉन्ड को शामिल किया जाएगा. अमेरिका बेस्ड शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से कंपनी को बड़ा घाटा हुआ था. 24 जनवरी को रिपोर्ट जारी होने के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडाणी इंटरप्राइज के शेयर करीब 3500 रुपये से गिरकर एक हजार रुपये के करीब आ गए थे. रिपोर्ट में कंपनी पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसके बाद से ही कंपनी बॉन्ड लाने की तैयारी जुट गयी थी.

निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश में अडाणी

भारतीय बाजार में बॉन्ड लाकर अडाणी ग्रुप निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी की फंड जुटाने की योजनाएं दो महीने में गति पकड़ लेंगी. इसके साथ ही, बॉन्ड से जुटाई गई राशि प्रारंभिक आकार से दोगुनी हो सकती है. इन योजनाओं से अडानी ग्रुप का मकसद निवेशकों का भरोसा जीतना है. अडानी एंटरप्राइजेज ने पिछले महीने की शुरुआत में भारतीय बॉन्ड की बिक्री के जरिए 12.5 अरब रुपये जुटाए हैं.

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एजीएम में गौतम अडाणी ने की हमला

हाल ही में अडाणी ग्रुप का एजीएम आयोजित किया गया था. इस एजीएम में कंपनी के प्रमुख गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर जमकर निशाना साधा था. गौतम अडाणी ने कहा कि इस रिपोर्ट के बाद भी समूह के एफपीओ को पूरा अभिदान मिल गया था, लेकिन निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उनका धन वापस करने का फैसला किया गया. हमने तुरंत इसका एक व्यापक खंडन जारी किया, लेकिन निहित स्वार्थों के चलते कुछ लोगों ने शॉर्ट-सेलर के दावों से फायदा उठाने की कोशिश की. इन्होंने विभिन्न समाचारों और सोशल मीडिया मंचों पर झूठी कहानियों को बढ़ावा दिया. इसका असर बाजार में भी देखने को मिला. हालांकि, अडाणी ग्रुप संकट से बाहर आ गया. उन्होंने बताया कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने गौर करने के लिए एक एक्सपर्ट समिति का गठन किया. इस समिति की रिपोर्ट को 2023 के मई में सार्वजनिक किया गया. एक्सपर्ट समिति की रिपोर्ट में साफ था कि ग्रुप में कोई नियामक विफलता नहीं मिली. रिपोर्ट में न केवल यह देखा गया कि कंपनी द्वारा किए गए शमन उपायों ने विश्वास को फिर से बनाने में मदद की, बल्कि यह भी बताया कि भारतीय बाजारों के लक्षित अस्थिरता के विश्वसनीय आरोप थे.

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अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शुद्ध लाभ पहली तिमाही में आठ प्रतिशत बढ़ा

अडाणी समूह की कंपनी अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ आठ प्रतिशत बढ़कर 181.98 करोड़ रुपये हो गया. मुख्यतौर पर राजस्व में बढ़ोतरी से उसका मुनाफा बढ़ा है. अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस पूर्व में नाम अडाणी ट्रांसमिशन था. कंपनी का पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में शुद्ध लाभ 168.46 करोड़ रुपये था. कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 3,772.25 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल समान अवधि में 3,249.74 करोड़ रुपये थी. अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के प्रबंध निदेशक अनिल सरदाना ने बताया कि चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल के बावजूद कंपनी की वृद्धि स्थिर बनी हुई है. अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) का नाम 27 जुलाई 2023 को बदलकर अडाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) कर दिया गया है.

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क्या होता है कंपनी बॉन्ड

कंपनी बॉन्ड (Company Bond) एक प्रकार का डेब्ट इंस्ट्रुमेंट होता है जो किसी कंपनी द्वारा जारी किया जाता है. यह एक आधिकारिक पत्रिका होती है जिसमें कंपनी उधारी धन जुटाती है और उसके प्रतिपूर्ति के लिए नियमित ब्याज भुगतान करती है. वे लोग जो कंपनी के विकास या वित्तीय योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं, कंपनी बॉन्ड के जरिए उचित ब्याज राशि के साथ अपना पूंजी लगा सकते हैं. कंपनी बॉन्ड का मुख्य लक्ष्य निवेशकों से धन जुटाना होता है ताकि कंपनी अपने विभिन्न परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन प्राप्त कर सके.

कई तरह के बॉन्ड जारी करती है कंपनी

कंपनियों के द्वारा कई तरह के बॉन्ड बाजार में लाये जाते हैं. यह अलग-अलग प्रकार के कंपनी बॉन्ड होते हैं जिनमें निवेशकों को विभिन्न विकल्प और आय प्राप्त करने के मौके मिलते हैं. निवेशकों के लिए इन बॉन्ड्स में निवेश करने के पहले उन्हें अच्छी तरह से शर्तें और शर्तों का पालन करना चाहिए, ताकि उन्हें अच्छे रिटर्न्स मिल सकें और उनके निवेश का सुरक्षितता सुनिश्चित हो सके. फिक्स्ड रेट बॉन्ड (Fixed Rate Bond) में ब्याज दर जारी किए जाने के समय से पहले स्थायी होती है और इसे मुद्रा की स्थिरता के साथ आधारित किया जाता है. उदाहरण के लिए, एक कंपनी एक 10 वर्षीय फिक्स्ड रेट बॉन्ड जारी कर सकती है जिसका ब्याज दर 6% प्रति वर्ष हो सकता है. वहीं, फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (Floating Rate Bond में ब्याज दर नियमित अंतराल पर पुनर्मूल्यांकन किया जाता है, जो बाजार में परिवर्तनों के अनुसार बदल सकती है. इसमें ब्याज दर लगातार बदल सकती है और इसे बेंच या प्राप्त करने के लिए बजारी दरों के साथ एक स्थिर मार्जिन दर जोड़ा जा सकता है. जबकि, जिरो कूपन बॉन्ड (Zero Coupon Bond) में कोई नियमित ब्याज भुगतान नहीं होता है, बल्कि इसे डिस्काउंट पर जारी किया जाता है और इसे परिसंपत्ति मूल्य तक उतारा जाता है. इस तरीके के बॉन्ड की मुद्रा बोरोविशर्ष लगाया जा सकता है.

कंपनी बॉन्ड में कैसे करें निवेश

किसी भी कंपनी के बॉन्ड में निवेश करने से पहले अध्ययन करें कि आपको किस कंपनी बॉन्ड में निवेश करना चाहिए. निवेश से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति, क्रेडिट रेटिंग, उसके द्वारा प्रदान की जाने वाली ब्याज दर, और म्यूचुअल फंड्स या वित्तीय प्रतिबंधों के विवरण को समझें. कंपनी बॉन्डों में निवेश करने के लिए आपको एक डेमैट खाता खोलना होगा. यह खाता आपको बॉन्ड को खरीदने और बेचने के लिए आवश्यक होता है. कंपनी बॉन्ड में निवेश करने से पहले, आपको निवेश राशि निर्धारित करनी होगी. आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों और वित्तीय स्थिति के आधार पर निवेश राशि निर्धारित करनी चाहिए. डेमैट खाते के माध्यम से आप अपने चयनित कंपनी बॉन्ड को खरीद सकते हैं. इसके लिए आपको अपने डेमैट खाते में पैसे जमा करने की आवश्यकता होगी और फिर आप बॉन्ड खरीद सकते हैं.

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बॉन्ड पर ब्याज का रखें ध्यान

कंपनी बॉन्ड में निवेश करने के बाद आपको नियमित अंतराल पर ब्याज भुगतान प्राप्त होगा. ब्याज का मूल्यांकन आपके डेमैट खाते में ऑटोमैटिक रूप से होगा. साथ ही, आपको निवेश के समय-समय पर अपने निवेश की प्रगति की निरीक्षण करना चाहिए. बॉन्ड की कीमत विपरीत रुप से बदल सकती है, जिससे आपके निवेश का मूल्य बढ़ सकता है या घट सकता है. कृपया ध्यान दें कि बॉन्ड निवेश एक वित्तीय निवेश होता है और वित्तीय बाजार के विकल्पों की तुलना में इसमें कुछ ज्यादा अस्थायीता हो सकती है. आपको अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना उचित होगा और बॉन्ड में निवेश करने से पहले समझदारीपूर्वक निवेश करना चाहिए.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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