नयी दिल्ली : कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच सटोरियों के अपने सौदे में कटान से वायदा बाजार में सोना का भाव एक बार फिर टूट गया. मंगलवार को वायदा बाजार में सोने की कीमत 0.10 फीसदी तक गिर गयी. एमसीएक्स पर अप्रैल डिलिवरी सोने का भाव 42 रुपये यानी 0.10 फीसदी टूटकर 43,800 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया. इसके लिए 28 लॉट का कारोबार हुआ. मंगलवार को वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोने का भाव 0.38 फीसदी गिरकर 1,636.90 डॉलर प्रति औंस रहा. हालांकि, मंगलवार को वायदा बाजार में सोने की चमक भले ही फीकी पड़ गयी हो, लेकिन यह कीमती धातू भारत में पूरे साल अपनी चमक बिखेरती रही.
कोरोना महामारी में सोना में निवेश सबसे ज्यादा सुरक्षित : वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सोना पूरे साल चमक बिखेरता रहा. देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) गिरती गयी, लोगों ने जमकर निवेश किया. फिलहाल, जब देश-दुनिया में कोरोना वायरस महामारी तबाही मचा रही है, तो सोने में निवेश को सबसे सुरक्षित माना जा रहा है.
मार्च में ऐतिहासिक 45,000 के स्तर को छू गयी सोने की कीमत : अगर हम वित्त वर्ष 2019-20 की बात करें, तो पूरे साल सोने की चमक सब पर भारी दिखाई दी है. पहले आर्थिक नरमी की वजह से इसमें निवेश किया जा रहा था, लेकिन अब जब कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप है, तो इसे सुरक्षित माना जा रहा है. इस दौरान इसकी कीमतें भी बेलगाम भागी हैं. वित्त वर्ष 2019-20 के पहले नौ महीने में सोने की कीमत की रफ्तार काफी तेज रही. जनवरी से मार्च के बीच इसके दाम काफी तेजी से बढ़े हैं. आलम यह कि छह मार्च को सोने ने रिकॉर्ड ऐतिहासिक 45,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू लिया था.
2019-20 के दौरान एमसीएक्स में 11 हजार से ज्यादा महंगा हो गया सोना : वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान एमसीएक्स यानी वायदा बाजार में पीला और कीमती धातू सोना 11,000 रुपये से ज्यादा महंगा हो गया. अगर हम वर्ष 2020 की बात करें, तो इस साल के बीते तीन महीने के दौरान सोना 4,000 रुपये महंगा हो गया है. वायदा बाजार में बीते 31 दिसंबर को यह 39,108 रुपये प्रति 10 के स्तर पर बंद हुआ था. अब मंगलवार को जब वित्त वर्ष का आखिरी दिन है, तो वायदा बाजार में सोना 43,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बना हुआ है.
आगे भी सोने की कीमतों में बनी रहेगी तेजी : विशेषज्ञों की मानें, तो भारत में सोने की कीमतों में आगे भी तेजी बनी रहेगी. जानकारों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारतीय शेयर बाजार करीब 30 फीसदी टूट चुका है. जानकारों का कहना है कि शेयर बाजार में नरमी की वजह से सोना में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है.
आर्थिक मंदी में निवेशकों का पंसदीदा है सोना : जानकारों का कहना है कि आर्थिक नरमी के वातावरण में सोना हमेशा निवेशकों की पहली पसंद रहा है. इसमें लगायी गयी रकम के डूबने का डर नहीं रहता है. वे यह भी बताते हैं कि सोना प्राय: निवेश के दूसरे मुकाबले सबसे अधिक रिटर्न देता है.
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