Wheat Stock Limit: केंद्र की मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही महंगाई पर तगड़ा प्रहार करना शुरू कर दिया है. सरकार ने गेहूं की जमाखोरी और बाजार में बढ़ती कीमतों के बीच इसके स्टॉक की सीमा निर्धारित कर दी है. सरकार के इस कदम के बाद खुदरा-थोक विक्रेताओं, प्रोसेसिंग प्लांट और बड़ी सप्लाई चेन खुदरा विक्रेताओं को जरूरत से अधिक स्टॉक रखने की इजाजत नहीं होगी. इस समय सरकार के रडार पर गेहूं के जमाखोर हैं. जरूरत से अधिक गेहूं का स्टॉक रहने के बाद संबंधित विभाग कार्रवाई भी कर सकते हैं.
हरेक हफ्ते Wheat के स्टॉक का करना होगा खुलासा
मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि सिंग खुदरा विक्रेता, बड़ी सप्लाई चेन के खुदरा विक्रेता, प्रोसेसिंग प्लांट्स और थोक विक्रेता हर शुक्रवार को अपने पास गेहूं के स्टॉक का खुलासा करेंगे. उन्होंने कहा कि मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल गेहूं के निर्यात पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगी है और चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध की समीक्षा करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें.
किसके पास Wheat का कितना रहेगा स्टॉक
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने आगे कहा कि थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन होगी, जबकि यह प्रोसेसिंग प्लांट्स के लिए यह प्रोसेसिंग कैपिसिटी का 70 फीसदी होगी. उन्होंने बताया कि बड़ी सप्लाई चेन वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन प्रति बिक्री केंद्र की होगी, जिसकी कुल सीमा 3,000 टन होगी. सिंगल खुदरा विक्रेताओं के लिए यह सीमा 10 टन की होगी.
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सरकार के रडार पर Wheat जमाखोर
संजीव चोपड़ा ने बताया कि हाल ही में मीडिया में आई उन खबरों के मद्देनजर स्टॉक सीमा लगाई गई है, जिनमें कहा गया है कि गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं. उन्होंने बताया कि जमाखोरी को कम करने के लिए स्टॉक सीमा लगाई गई है. उन्होंने बताया कि एक अप्रैल, 2023 को गेहूं का शुरुआती स्टॉक 82 लाख टन था, जबकि एक अप्रैल, 2024 को यह 75 लाख टन था. उन्होंने कहा कि पिछले साल 266 लाख टन की खरीद की गई थी, जबकि इस साल सरकार ने 262 लाख टन की खरीद की है और खरीद अभी भी जारी है. इसलिए शुरुआती स्टॉक में गेहूं की कमी सिर्फ तीन लाख टन की है.
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