नई दिल्ली : आभासी दुनिया में भारत के लोगों की निजता नीति के मामले में मंगलवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि नया डेटा संरक्षण बिल को बनाकर तैयार कर लिया गया है. इस बिल को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सदन में पेश कर दिया जाएगा. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ को बताया कि नया डेटा संरक्षण बिल बनकर तैयार है. पीठ में जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस ऋषिकेष रॉय, जस्टिस सीटी रविकुमार भी शामिल हैं.
सीजेआई के सामने पेश किया जाएगा मामला
संविधान पीठ ने निर्देश दिया कि मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के सामने रखा जाए, ताकि एक नई पीठ का गठन किया जा सके, क्योंकि जस्टिस केएम जोसेफ 16 जून को रिटायर होने वाले हैं. इसके बाद मामले को अगस्त 2023 के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया.
कुछ समितियों के पास भेजा जा सकता है बिल
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि न्यायालय को अदालती सुनवाई को विधायी प्रक्रिया से नहीं जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया जटिल है और इस बिल को फिर से कुछ समितियों को भेजा जा सकता है.
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दो छात्रों ने दायर की है याचिका
सर्वोच्च अदालत दो छात्रों कर्मण्य सिंह सरीन और श्रेया सेठी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में व्हाट्सएप और फेसबुक के बीच उसके यूजर्स के फोन कॉल, संदेश, तस्वीर, वीडियो और दस्तावेजों तक पहुंच प्रदान करने के लिए किए गए अनुबंध को चुनौती दिया गया है. इस याचिका में कहा गया कि यह उनकी गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है.
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