GST: देश के पारामिलिट्री फोर्स को केंद्र सरकार की तरफ से बड़ा तोहफा दिया गया है. अब उन्होंने कैंटीन में खरीदारी पर पर केवल आधा जीएसटी ही चुकाना होगा. इससे कैंटीन में सामान और ज्यादा सस्ता हो जाएगा. केंद्र सरकार के इस फैसले से पैरामिलिट्री फोर्स के 11 लाख से अधिक जवानों और उनके परिवार के लोगों को फायदा मिला है. गृह मंत्रायल के द्वारा इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी करके सूचना दी गयी है. इस नोटिफिकेशन में बताया गया है कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (Kendriya Police Kalyan Bhandar) से सामान की खरीदने पर केवल 50 प्रतिशत ही जीएसटी देना होगा. इसको सरकार के द्वारा एक अप्रैल से लागू किया जा रहा है. बता दें कि इसके लिए लंबे वक्त से कंफेडरशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा मांग उठायी जा रही थी. एसोसिएशन के द्वारा केंद्रीय मंत्रियों और पीएमओ को भी पत्र लिककर भेजा गया था.
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कई राज्यों ने वैट में दी थी छूट
कंफेडरशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन एचआर सिंह और महासचिव रणबीर सिंह ने बताया कि पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की मदद के लिए साल 2006 में सेंट्रल पुलिस कैंटीन की शुरुआत की गयी थी. इससे पहले उन्हें आर्मी के सीएसडी कैंटीन से सामान खरीदना पड़ता था. वर्तमान में देश में करीब 119 मास्टर कैंटीन और 1778 सीपीसी कैंटीन हैं. बाद में, सीपीसी का नाम बदलकर केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि देश में जीएसटी लागू होने से पहले बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु, उड़ीसा, केरल समेत कई राज्यों द्वारा कैंटीन में मिलने वाली वस्तुओं पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) पर छूट दी गयी थी. हालांकि, जीएसटी लागू होने के बाद, किसी तरह की छूट नहीं मिली. इसके कारण एसोसिएशन की तरफ से विरोध किया जा रहा था.
बजट से पहले वित्त मंत्री को लिखा था पत्र
केंद्र सरकार के अंतरिम बजट से पहले कंफेडरशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा गया था. इस पत्र में मांग की गयी थी कि कैंटीन में मिलने वाले सामानों पर सरकार के द्वारा 50 प्रतिशत जीएसटी लिया जाए. एसोसिएशन ने ये मांग आर्मी कैंटीन में मिलने वाले छूट की तर्ज पर की थी.
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