त्योहार खुशियां और उत्साह लाने के साथ-साथ जिंदगी को खुशहाल बनानेवाले कई महत्वपूर्ण संदेश भी देते हैं. खासतौर पर रंगों का त्योहार होली फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़ी ऐसी कई बातें सिखाती है, जिन्हें अपना कर आप वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर सकते हैं…
होली के त्योहार को धूमधाम से मनाने के लिए आपने लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली होंगी. रंगों से लेकर मिठाइयां तक सब चीजें खरीद ली होंगी. इन तैयारियों के बीच क्या आपने एक बार भी यह सोचा कि इस बार होली में आप पूंजी व निवेश से जुड़ी ऐसी क्या सीख लेंगे, जिसका परिणाम आपके भविष्य को सुरक्षित बनायेगा. अगर नहीं, तो आज ही इस बारे में सोचें, क्योंकि होली का पर्व आपको पैसों के मैनेजमेंट से जुड़े कई संदेश देता है.
लाल, पीला हो या हरा, गुलाबी, होली के हर रंग की अपनी खूबसूरती होती है, उसी तरह पोर्टफोलियो में विविधता का होना निवेश के फायदों को बढ़ा देता है. एक ही जगह निवेश करना आपके पोर्टफोलियो को एकतरफा बना सकता है. इससे बड़ी गिरावट का शिकार होने का जोखिम भी बढ़ जाता है. ऐसे में बेहतर है कि आप निवेश के अलग-अलग तरीकों जैसे-म्यूचुअल फंड, स्टॉक, बॉन्ड, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट और स्मॉल सेविंग स्कीम्स में इन्वेस्ट करें.
होली के रंगों में सराबोर होने से पहले त्वचा, बाल एवं सुरक्षा पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है. ऐसे ही निवेश के लिए पोर्टफोलियो का चयन करने से पहले इस बात पर ध्यान देने को कहा जाता है कि आप अपने निवेश पर कितना जोखिम ले सकते हैं. आप निवेश का जो तरीका अपना रहे हैं उसमें रिस्क और रिटर्न की संभावना क्या है, जैसे कि कम जोखिम लेने वाले निवेशकों को एफडी व एसआईपी में निवेश करने को कहा जाता है, वहीं रिस्क लेने की क्षमता रखनेवालों को इक्विटी में निवेश की सलाह दी जाती है.
रंगों के अलावा इस पर्व में खास पकवानों जैसे मालपुआ, गुझिया, चकरी, पापड़ आदि का विशेष महत्व है. घर की महिलाएं इन पकवानों को मेहनत व धैर्य के साथ बनाती हैं. इसी तरह निवेश एक लंबे वक्त की प्रक्रिया है, जिसमें धैर्य की जरूरत पड़ती है. जो निवेशक धैर्य के साथ लंबी अवधि की स्कीमों में निवेश करते हैं, उन्हें छोटी अवधि में निवेश करनेवाले निवेशकों की तुलना में अधिक मुनाफा होता है.
होलिकादहन इस पर्व का सबसे खास आयोजन है. जिस तरह शरीर और मन की बुराइयों को खत्म कर साफ दिल से सभी के साथ होली खेलने का संदेश दिया जाता है, ठीक उसी तरह हमें अपने फाइनेंशियल प्लानिंग के सभी नकारात्मक पहलुओं को दूर कर देना चाहिए. यदि आपने किसी से कर्ज लिया है, तो उसे जल्द-से-जल्द चुका देना बेहतर है. कर्ज कुछ समय के लिए आपकी परेशानी को दूर जरूर कर देता है, लेकिन यह पूंजी बढ़ने नहीं देता.
खुद को बेहतर इंसान बनाने के लिए जिस तरह हम आत्ममंथन करते हैं और बुरी आदतों को त्यागने का निर्णय लेते हैं, वैसे ही निवेश के रिटर्न को बढ़ाने के लिए पोर्टफोलियो की समीक्षा करना भी जरूरी होता है. ऐसा कर आप लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश के सही कदम उठा सकेंगे.
Posted : Sameer Oraon
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