LTGC FAQ: आयकर विभाग ने अभी 23 जुलाई 2024 को लोकसभा में पेश किए गए बजट में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स में किए गए बदलाव को लेकर जताई जा रही आशंकाओं पर FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल) का ब्योरा जारी किया है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने कहा कि एफएक्यू जारी करने के पीछे का मकसद टैक्स स्लैब को सरल बनाना और उसके अनुपालन को आसान बनाना है.
क्या टैक्स की दर को बढ़ाया गया है?
सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय संपत्तियों के लिए लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स की की दर को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दी गई है. यह नई दर छूट सीमा से अधिक लाभ पर लागू होती है.
क्या एलटीसीजी टैक्स में छूट की सीमा भी बढ़ाई गई है?
एलटीसीजी के लिए छूट सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये सालाना कर दी गई है. इसका मतलब है कि 1.25 लाख रुपये तक के लाभ एलटीसीजी टैक्स के अधीन नहीं होंगे.
धारण अवधि सरलीकरण क्या है?
किसी परिसंपत्ति को दीर्घकालिक अचल संपत्ति के रूप में योग्य बनाने के लिए आवश्यक धारण अवधि को स्टैंडर्डाइज किया गया है. सूचीबद्ध इक्विटी और इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड के लिए अवधि अब एक साल है. सोना, गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियां (गैर-सूचीबद्ध शेयरों के अलावा) और अचल संपत्ति के लिए धारण अवधि को घटाकर दो साल कर दिया गया है.
क्या इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटा दिया गया है?
इंडेक्सेशन बेनिफिट महंगाई को अचल संपत्ति के खरीद मूल्य को जोड़ देता था. इंडेक्सेशन बेनिफिट रियल एस्टेट सेक्टर को छोड़कर सभी अचल संपत्ति वर्गों के लिए हटा दिया गया है.
शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स क्या है?
शेयर बाजार में लिस्टेड शेयर, इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड और व्यावसायिक ट्रस्टों की इकाइयों पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) टैक्स को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है.
अचल संपत्तियों की होल्डिंग पीरियड क्या है?
शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (Long-Term Capital Gain) टैक्स के उद्देश्य से विभिन्न अचल संपत्ति वर्गों के लिए होल्डिंग अवधि को युक्तिसंगत बनाया गया है. एलटीसीजी के मामले में अब सभी सूचीबद्ध अचल संपत्तियों को रखने की अवधि एक वर्ष होगी. लिहाजा व्यावसायिक न्यासों की सूचीबद्ध इकाइयों (रीट्स, इनविट्स) के संदर्भ में होल्डिंग अवधि 36 महीने से घटाकर 12 महीने कर दी गई है. एलटीसीजी के कैलकुलेशन के लिए सोना एवं गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों (गैर-सूचीबद्ध शेयरों के अलावा) की होल्डिंग अवधि भी 36 महीने से घटाकर 24 महीने कर दी गई है. अचल संपत्ति और गैर-सूचीबद्ध शेयरों की होल्डिंग अवधि पहले की ही तरह 24 महीने बनी रहेगी.
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