Zydus Cadila Vaccine ZyCoV-D Emergency Approval: इक्कीसवीं सदी की सबसे बड़ी महामारी से लड़ने में भारत ने महती भूमिका निभायी है. भारत के वैज्ञानिकों ने संकट के इस दौर में एक के बाद एक दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर दिये. भारत संभवत: पहला देश बन गया है, जिसने डीएनए आधारित वैक्सीन तैयार किया है. अगर जायडस कैडिला के जायकोव-डी वैक्सीन (ZyCov-D) को मंजूरी मिल जाती है, तो भारत में 12 से 18 साल के बच्चों का भी टीकाकरण शुरू हो जायेगा.
भारत की इस उपलब्धि के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी का इजहार किया है. उन्होंने कहा है कि भारत पूरी ताकत के साथ कोविड-19 से लड़ रहा है. जायडस कैडिला के टीके को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा कि जायडस कैडिला के दुनिया के पहले डीएनए-आधारित ZyCov-D वैक्सीन को मंजूरी भारत के वैज्ञानिकों के अभिनव उत्साह का प्रमाण है. वास्तव में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
दरअसल, शुक्रवार को भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के एक विशेषज्ञ पैनल ने जायडस कैडिला की तीन खुराकों वाले कोविड-19 टीका ‘जाइकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दिये जाने की सिफारिश की है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोरोना पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने गुरुवार को कैडिला की ओर से प्रस्तुत किये गये आवेदन पर विचार-विमर्श किया और इसके तीन खुराक वाले कोरोना वायरस टीके की आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की.
जायडस ने किया सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल
इसकी अंतिम मंजूरी के लिए यह सिफारिश भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को भेजी गयी है. अहमदाबाद स्थित फर्मा कंपनी ने एक जुलाई को टीके के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दिये जाने के लिए डीसीजीआई को आवेदन दिया था. कंपनी ने बताया कि इसने अब तक 50 से अधिक केंद्रों पर सबसे बड़ा क्लिनिकल ट्रायल किया है. अगर जाइकोव-डी को मंजूरी मिल जाती है, तो यह कोरोना वायरस संक्रमणरोधी दुनिया का पहला डीएनए टीका होगा, जिसे भारतीय कंपनी ने विकसित किया है और देश में इस्तेमाल के लिए यह छठा टीका होगा.
इससे पहले सीरम इस्टीट्यूट के कोविशील्ड, भारत बायोटेक के कोवैक्सीन, रूस के स्पूतनिक वी तथा अमेरिका के मॉडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन का टीका इस्तेमाल हो रहा है. प्लाज्मिड डीएनए-आधारित जाइकोव-डी, सुई-मुक्त इंजेक्टर का उपयोग करके यह टीका दिया जाता है. कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक शरविल पटेल ने कहा कि अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो इससे न केवल वयस्क लोगों को फायदा होगा, बल्कि यह 12 से 18 साल आयु वर्ग के किशोरों के लिए भी प्रभावी होगा.
Posted By: Mithilesh Jha
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