India GDP: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आज बड़ी खुशखबरी सामने आयी है. देश की अर्थव्यवस्था आज पहली बार चार ट्रिलियन डॉलर के पार चली गयी. इसी के साथ, भारतीय अर्थव्यवस्था अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के काफी करीब पहुंच गया है. केंद्र सरकार के द्वारा देश को चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए रोडमैप तैयार किया गया है. देश को चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए जीडीपी का पांच ट्रिलियन तक पहुंचना जरूरी है. सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक पांच ट्रिलियन की इकोनॉमी देश की हो जाए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला देश बनेगा. साथ ही, चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. बता दें कि इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष भी इस तरह का अनुमान दे चुका है. समझा जा रहा है कि भारत की ये उपलब्धी देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मिल का पत्थर साबित होगी.
कल रात हासिल हुआ मुकाम
जीडीपी के लाइव आकड़े के अनुसार, भारत ने मुकाम शनिवार को रेत रात को प्राप्त किया. बताया जा रहा है कि देश की इकोनॉमी पहली बार रात 10.30 बजे 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकली. इसके बाद, चौथे पायदान पर मौजूद जर्मनी और भारत के बीच का अंतर काफी कम हो गया है. बता दें कि अभी दुनिया में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है. इसका मौजूदा आकार 26.7 ट्रिलियव डॉलर है. दूसरे स्थान पर चीन की अर्थव्यवस्था है. इसका आकार 19.24 ट्रिलियर डॉलर की है. विश्व में तीसरे स्थान पर जापान और चौथे स्थान पर जर्मनी है. जापान की अर्थव्यवस्था 4.39 ट्रिलियन डॉलर की है. जबकि, जर्मनी की अर्थव्यवस्था 4.28 ट्रिलियन डॉलर की है. ऐसे में भारत सरकार का दावा है कि उसके रोडमैप के अनुसार, 2027 तक भारत जापान और जर्मनी दोनो से आगे निकल जाएगा.
भारत तैयार कर रहा विजन दस्तावेज
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) बी वी आर सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत को 2047 तक लगभग 30 लाख करोड़ डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ‘विजन’ डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है. ‘विजन’ दस्तावेज देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी संस्थागत और संरचनात्मक परिवर्तनों और सुधारों की रूपरेखा तैयार करेगा. उन्होंने कहा कि ‘विजन इंडिया एट 2047’ का मसौदा दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा और अगले तीन महीनों में इसे पेश किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक करीब 30 लाख करोड़ डॉलर (29.2 लाख करोड़ डॉलर) की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए एक ‘विजन’ योजना तैयार की जा रही है. विजन दस्तावेज का मकसद मध्यम-आय के जाल से बचना है.
क्या है जीडीपी
जीडीपी का मतलब होता है “ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट” (Gross Domestic Product). जीडीपी एक देश की आर्थिक गतिविधियों का माप है और यह दिखाता है कि एक देश में एक निश्चित समयावधि के दौरान उत्पन्न होने वाला समृद्धि का मूल्य कितना है. जीडीपी का मूल्य एक निश्चित समयावधि के लिए मापा जाता है, जो सामान्यत: एक वित्तीय वर्ष होती है. इसे नेट नहीं, ब्रूट (ग्रॉस) कहा जाता है, क्योंकि इसमें सभी उत्पन्न होने वाले वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य शामिल होता है, बिना किसी नुकसान या कमी के. ये एक महत्वपूर्ण आर्थिक सूचक है जो देशों की आर्थिक स्थिति को मूल्यांकन करने में मदद करता है और विभिन्न देशों की आर्थिक तुलना करने में सहारा प्रदान करता है.
जीडीपी का मूल्य तीन तत्वों से मिलकर बनता है:
कृषि उत्पादन: इसमें देश में होने वाली कृषि गतिविधियों से उत्पन्न होने वाले सामान्य उत्पादों का मूल्य शामिल है.
औद्योगिक उत्पादन: इसमें विभिन्न उद्योगों द्वारा निर्मित सामान्य उत्पादों और सेवाओं का मूल्य शामिल है.
सेवाएं: इसमें देश में प्रदान की जाने वाली सेवाओं का मूल्य शामिल है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, और अन्य सामाजिक सेवाएं.
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