नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के उनके समकक्ष ली सीन लूंग ने मंगलवार को क्रॉस बॉर्डर ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल पेमेंट सिस्टम के तहत भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और सिंगापुर के पेनाऊ के आपसी लिंकेज की शुरुआत करेंगे. दोनों देशों के इन डिजिटल भुगतान प्रणालियों के लिंक से भारत-सिंगापुर के निवासियों को क्रॉस-बॉर्डर के डिजिटल ट्रांजेक्शन को तेज होने की संभावना है. यह डिजिटल पेमें सिस्टम मंगलवार की सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए लॉन्च किया जाएगा. इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) के प्रबंध निदेशक रवि मेनन लॉन्चिंग कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.
बता दें कि फिनटेक इनोवेश में भारत सबसे तेजी से बढ़ते इकोसिस्टम में से एक बनकर उभरा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार भारत के डिजिटल भुगतान के बुनियादी ढांचे के वैश्वीकरण को लेकर सहायक रही है. प्रधानमंत्री मोदी एक प्रमुख जोर यह सुनिश्चित करने में रहा है कि यूपीआई का लाभ केवल भारत तक सीमित न रहे, बल्कि अन्य देशों को भी इसका लाभ मिले.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सिंगापुर और भारतीय डायस्पोरा खास तौर पर प्रवासी भारतीयों और छात्रों को सिंगापुर से भारत में तत्काल और कम लागत से पैसे के ट्रांजेक्शन में मदद करेगा. इस बीच, यूपीआई भुगतान प्रणाली की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत में आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान अपने व्यापारिक भुगतान के लिए यूपीआई का उपयोग करने की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है.
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गौरतलब है कि यूपीआई भुगतान प्रणाली भारत में खुरा डिजिटल भुगतानों के लिए बेहद लोकप्रिय है और इसे अपनाने की गति तेजी से बढ़ रही है. इस महीने आठ फरवरी को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद रेपो रेट जारी करते समय दूसरे देशों के यात्रियों के लिए भारत में रहने के दौरान यूपीआई के इस्तेमाल के बारे में ऐलान किया था. शुरुआत में यह सुविधा कुछ चुनिंदा हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले जी-20 देशों के यात्रियों को दी जाएगी. इसके बाद इसका विस्तार किया जाएगा.
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