कम्प्यूटरीकृत ऑन-बोर्ड टिकट जांच और खाली सीट के आवंटन के लिए बना रेलवे के नए हैंड-हेल्ड टर्मिनल रेल यात्रियों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इंडियन रेलवे के मुताबिक बीते चार महीने में इस एचएचटी के जरिए रेलवे में औसतन करीब 7 हजार बिना कन्फर्म सीट वाले यात्रियों को ट्रेनों में हर दिन कन्फर्म सीट मिली है.
एचएचटी उपकरण आईपैड के आकार में होते हैं जिनमें पहले से लोड किए गए यात्री आरक्षण चार्ट होते हैं. पहले की तरह कागजी चार्ट से गुजरने के बजाय, टिकट जांच कर्मचारी बुकिंग पर रीयल-टाइम अपडेट के लिए इन उपकरणों के माध्यम से सर्च कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि ये यात्री आरक्षण प्रणाली के केंद्रीय सर्वर से जुड़े होते हैं.
यदि आरक्षित टिकट वाला कोई यात्री अंतिम समय पर अपनी यात्रा को रद्द नहीं करता है, तो खाली सीट एचएचटी उपकरण पर प्रदर्शित होती है जिससे ट्रेन टिकट परीक्षक प्रतीक्षा-सूची वाले यात्री या रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन (आरएसी) यात्री को सीट आवंटित कर पाते हैं.
इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि आरएसी या प्रतीक्षा सूची टिकट वाले यात्री वास्तविक समय के आधार पर खाली बर्थ की उपलब्धता के बारे में एचएचटी के माध्यम से टीटीई से जांच करा सकते हैं और इससे रेलगाड़ियों में सीट आवंटन में पारदर्शिता आती है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के आंकड़ों के मुताबिक करीब चार महीने पहले शुरू की गई परियोजना के तहत, करीब 1390 रेलगाड़ियों के टीटीई प्रतिदिन ट्रेन में अपनी यात्रा के विभिन्न चरणों या अपनी यात्रा के कुछ हिस्सों में लगभग 10,745 एचएचटी ले जा रहे हैं. पिछले चार महीनों में, औसतन 5,448 आरएसी यात्रियों और 2,759 प्रतीक्षा-सूची वाले यात्रियों को एचएचटी के माध्यम से प्रतिदिन सीट आवंटित की गई.
आंकड़ों के अनुसार, आरएसी या प्रतीक्षा-सूची वाले यात्रियों को सीट आवंटन के अलावा, लगभग 7,000 अप्रयुक्त खाली सीट भी एचएचटी के माध्यम से पीआरएस को प्रतिदिन जारी की जा रही हैं ताकि उन्हें रेलगाड़ियों के मार्ग पर अगले स्टेशन से बुकिंग के लिए उपलब्ध कराया जा सके.
अधिकारियों ने कहा कि अगले तीन से चार महीनों में, ये एचएचटी उपकरण साप्ताहिक और द्वि-साप्ताहिक सहित लंबी दूरी की सभी ट्रेन में उपलब्ध करा दिए जाएंगे. एचएचटी का उपयोग डिजिटल भुगतान विकल्पों के माध्यम से यात्रियों से अतिरिक्त किराया, जुर्माना और अन्य शुल्क वसूलने के लिए भी किया जा सकता है.
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