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Indian Railway: वंदे भारत एक्सप्रेस ने भर दी सरकार की तिजोरी, एग्जिक्यूटिव क्लास में भी बढ़े यात्री

Indian Railways एसी चेयर कार के साथ साथ एग्जिक्यूटिव क्लास के यात्री भी बढ़े हैं. इसके कारण ही आमदनी भी काफी बढ़ी है. एग्जिक्यूटिव क्लास से 698 करोड़ तक आमदनी मार्च तक पहुंच सकता है.

vande bharat express वंदे भारत एक्सप्रेस (लक्जरी ट्रेनों) के चलने के बाद इसमें सफर का प्रचलन भी बढ़ा है. इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा अमीर लोग सफर कर रहे. जो कि कुछ दिन पहले तक हवाई जहाज पर सफर किया करते थे. लेकिन लक्जरी ट्रेनों के शुरु होने के बाद अमीर लोग हवाई जहाज छोड़कर ट्रेनों से सफर करने लगे हैं.

इसके कारण इंडियन रेलवे का मुनाफा रेल पटरी छोड़कर आसमान में उड़ती दिख रही है. इंडियन रेलवे ने इसके बाद यात्री किरायों से होने वाली आमदनी के टारगेट को इस फाइनेंशियल ईयर में 16 फीसदी अधिक बढ़ा दिया है. इससे रेलवे के खजाने में 92 हजार 800 करोड़ आने की संभावना है.

रेलवे की आमदनी बढ़ने में वंदे भारत जैसी लग्जरी ट्रेनों का काफी योगदान है. इसे उच्च वर्ग में काफी पसंद किया जा रहा हैं. क्योंकि इसमें मिलने वाली सुविधाओं और आरामदेह होने के कारण लोग इसमें सफर कर रहे हैं. यही कारण है कि अभी तक प्लेन की सवारी करने वाले लोग भी अब वंदे भारत में सफर करना पसंद कर रहे हैं. इस ट्रेन में प्लेन के एयर होस्टेस की तरह ट्रेन होस्टेस भी सेवा देती हैं. प्रीमियम ट्रेनो में राजधानी और जनशताब्दी की लाजवाब सेवाएं भी लोगों को खूब पसंद आ रही हैं. रेलवे के खजाने को भरने में इनका भी योगदान है.

एसी थ्री कोचों ने भर दिया रेलवे का खजाना


रेलवे को अनुमान है कि मार्च तक इस वर्ष एसी थ्री कोच की टिकटों से होने वाली कमाई 30,089 करोड़ तक पहुंच सकती है. जो कि पिछले वित्त वर्ष से 20 प्रतिशत अधिक है. वित्त वर्ष 2026 में यह कमाई 20 प्रतिशत बढ़कर 37,115 करोड़ तक होने की उम्मीद है.

दो सालों में एग्जिक्यूटिव क्लास और एसी चेयर कार से आमदनी भी काफी बढ़ी है. एग्जिक्यूटिव क्लास से 698 करोड़ तक आमदनी मार्च तक पहुंच सकता है. जो पिछले वित्त वर्ष से 42 प्रतिशत अधिक है. यह वित्त वर्ष 2026 में बढकर 987 करोड़ हो सकता है.

वहीं एसी चेयरकार से इस वित्त वर्ष 4,280 करोड़ तक की कमाई हो सकती है. रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल रेलवे की कुल आमदनी में पैसेंजर से मिले पैसे रही हिस्सेदारी 26.4 फीसदी थी, जो इस साल बढ़कर 28.6 प्रतिशत हो गया है. 2026 तक यह आंकड़ा 30 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है.

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