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विदेश जाना सस्ता और घरेलू उड़ान महंगा, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Flight Fare: भारत में जिन घरेलू रूटों पर किराये में बढ़ोतरी हुई है, उनमें मुंबई-दिल्ली, बेंगलुरु-दिल्ली, बेंगलुरु-मुंबई और दिल्ली-हैदराबाद शामिल हैं. सप्लाई चेन की समस्या के कारण औसतन 150 विमान ठप पड़े हैं. इससे किराया बढ़ रहा है.

Flight Fare: भारत में हवाई जहाज से सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर भी है और नहीं भी. जो लोग घरेलू विमानन कंपनियों की फ्लाइट से दिल्ली से मुंबई या फिर घरेलू रूटों पर सफर करते हैं, उन्हें अधिक किराया चुकाना पड़ता है. यह घरेलू हवाई यात्रियों के लिए अच्छी खबर नहीं है. वहीं, जो लोग विदेश यात्रा करते हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय रूटों वाली फ्लाइटों के लिए कम किराया देना पड़ता है. यह विदेश जाने वालों के लिए अच्छी खबर है. अब सवाल यह पैदा होता है कि अंतरराष्ट्रीय रूटों पर हवाई किराया सस्ता है और घरेलू रूटों पर महंगा क्यों? आइए, जानते हैं कि हवाई किराये में इस अंतर के बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

विमानों की कमी की वजह से बढ़ा किराया

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में पिछली छह तिमाहियों में सवारियों के यातायात में बढ़ोतरी हुई और विमानों की कमी के कारण प्रमुख रूटों घरेलू हवाई किराया 40 फीसदी तक बढ़ा है. हालांकि, विमानों की कमी के बावजूद भारत में घरेलू हवाई किराया दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत दुनिया में सबसे तेज बढ़ने वाला सिविल एविशन मार्केट में से एक है. यहां रोजाना औसतन करीब 4.5 लाख पैसेंजर घरेलू फ्लाइटों से सफर करते हैं.

घरेलू रूटों पर किराए में 40 फीसदी बढ़ोतरी

एविएशन कन्सल्टिंग कंपनी सीएपीए इंडिया ने कहा कि भारत में कुल आबादी का केवल एक फीसदी हवाई सफर करता है, लेकिन विमानों की कमी सबसे बड़ी चुनौती है. इसका कारण यह है कि सप्लाई चेन जैसे अहम मुद्दों की वजह से कई विमान एयरपोर्ट पर खड़े हैं. इस कंपनी ने कहा कि टॉप के 20 घरेलू रूटों पर औसत किराये में करीब 20 साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, लेकिन पिछले छह तिमाहियों में अप्रत्याशित तरीके से 40 फीसदी बढ़ोतरी हुई.

घरेलू रूटों पर अभी बढ़ता रहेगा हवाई किराया

सीएपीए इंडिया ने आगे कहा कि भारत में जिन घरेलू रूटों पर किराये में बढ़ोतरी हुई है, उनमें मुंबई-दिल्ली, बेंगलुरु-दिल्ली, बेंगलुरु-मुंबई और दिल्ली-हैदराबाद शामिल हैं. उसने कहा कि सप्लाई चेन की समस्या के कारण औसतन 150 विमान ठप पड़े हैं. संभावना यह है कि विमानों की कमी की वजह से घरेलू रूटों पर किराये में बढ़ोतरी का दौर वित्त वर्ष 2025-26 तक जारी रह सकता है.

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कोरोना के समय से बढ़ने लगा किराया

इंटरग्लोब टेक्नोलॉजी कोशंट लिमिटेड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संजय कुमार का कहना है कि घरेलू रूटों पर कोरोना महामारी के बाद हवाई किराये में बढ़ोतरी शुरू हुई है और आने वाले दिनों में भी यह जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि मान लें कि दिल्ली और मुंबई के बीच औसत हवाई किराया करीब 5,000 से 6,000 रुपये है. यह पर्सेंटेज के हिसाब से तो अधिक दिखाई देगा, लेकिन समूची महंगाई के लिहाज से देखें, तो किराये में यह बढ़ोतरी अधिक महत्वपूर्ण नहीं है.

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