Investment : आम व्यक्ति अपनी मेहनत से कमाई जमा पूंजी सुरक्षित जगह पर निवेश करने की सोचता है जिसके लिए शेयर मार्किट सबसे सुगम विकप्ल माना जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है, तो सबसे अच्छा तरीका क्या होगा? क्या उन्हें अपना सारा पैसा एक बार में म्यूचुअल फंड में लगा देना चाहिए या फिर SIP के ज़रिए हर महीने निवेश करना चाहिए? बहुत से निवेशकों के लिए यह सवाल बहुत मायने रखता है क्योंकि हर किसी के पास एक बार में निवेश करने के लिए पैसे नहीं होते, चलाए जानने की कोशिश करते हैं कि कोनसा निवेश है बेस्ट आपके लिए SIP या म्यूचुअल फंड्स ?
Mutual funds क्या होता है ?
म्यूचुअल फंड एक समूह निवेश की तरह है, जहां बैंक और वित्तीय कंपनियां कई लोगों से पैसा लेकर प्रतिभूतियों में निवेश करती हैं. इससे उन्हें जोखिम कम करते हुए पैसा बनाने में मदद मिलती है. अपने पैसे को अलग-अलग परिसंपत्तियों और समय अवधि में फैलाकर, म्यूचुअल फंड में निवेश आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से बचा सकता है. इसलिए, भले ही एक निवेश अच्छा न करे, दूसरा उसकी भरपाई कर सकता है. यह एक साथ निवेश करने का एक सुरक्षित तरीका है. और म्यूचुअल फंड कई तरह के होते हैं, जैसे स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लार्ज-कैप फंड.
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SIP क्या है ?
एसआईपी कुछ हद तक म्यूचुअल फंड की तरह है, लेकिन म्यूचुअल फंड में आप एक बार में बहुत सारा पैसा लगाते हैं. एसआईपी में आप बस नियमित रूप से छोटी-छोटी रकम डालते रहते हैं. SIP के साथ, आप सिर्फ़ 500 रुपये प्रति महीने या तिमाही से निवेश शुरू कर सकते हैं. एक फंड मैनेजर आपकी ओर से शेयर, बॉन्ड और कमोडिटी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश का ध्यान रखता है, जिसका लक्ष्य जोखिम को कम रखते हुए अधिकतम लाभ कमाना होता है . एसआईपी में निवेश करने के बारे में एक अच्छी बात यह है कि आपके अर्जित ब्याज को फिर से निवेश किया जा सकता है, जो समय के साथ आपके मुनाफे को वास्तव में बढ़ाता है.
क्या है दोनो में अंतर?
नए निवेशकों की ओर से अक्सर पूछा जाने वाला एक आम सवाल यह है कि एसआईपी और म्यूचुअल फंड के बीच क्या अंतर है. आइए एसआईपी और म्यूचुअल फंड के बीच अंतर के बारे में विस्तार से जानते हैं –
- वार्षिक रखरखाव शुल्क (AMC) और अन्य शुल्क, जैसे लेनदेन लागत, एसआईपी की तुलना में म्यूचुअल फंड में अधिक होते हैं क्योंकि म्यूचुअल फंड में आमतौर पर बड़ा निवेश मूल्य होता है. म्यूचुअल फंड में, फंड मैनेजर द्वारा ली जाने वाली फीस और लेनदेन शुल्क बहुत अधिक हो सकते हैं, जबकि एसआईपी के साथ, निवेश और व्यापार मूल्य आमतौर पर कम होते हैं.
- बाजार मंदी और तेजी के दौर चलता रहता है और इन परिवर्तनों का एसआईपी की तुलना में म्यूचुअल फंड पर अधिक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि म्यूचुअल फंड का निवेश मूल्य अधिक होता है.
- म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त आप एकमुश्त राशि डालते हैं, लेकिन एसआईपी में आप मासिक या त्रैमासिक आधार पर नियमित रूप से छोटी रकम निवेश करते हैं.
- एसआईपी और म्यूचुअल फंड दोनों से ही पैसा निकालना बहुत आसान है, लेकिन एसआईपी की तुलना में म्यूचुअल फंड में रिडेम्पशन शुल्क अधिक होता है.
अगर आप एक बार में पैसे निवेश करने में सक्षम है तो mutual फंड आपके लिए बना है इसमें रिस्क थोड़ा ज्यादा है पर रिवार्ड भी उतना ही है, वही अगर आप सुरक्षित होकर कम निवेश करना चाहते हैं तो फिर SIP आपके लिए बेस्ट रहेगा. ध्यान रखें, बाजार में निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें क्योंकि ये दोनो तरीके बाजार जोखिमो के अधीन हैं .
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