IPO : कई विदेशी कंपनियां अपनी भारतीय शाखाओं के लिए आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं. दक्षिण कोरिया की हुंडई ने पहले ही अपनी भारतीय इकाई के आईपीओ के लिए सेबी को ड्राफ्ट सबमिट कर दिया है. अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि कोका-कोला भी इसमें शामिल होने के बारे में सोच रही है. कोका-कोला कंपनी ने हाल ही में अपने बॉटलिंग इन्वेस्टमेंट ग्रुप (BIG) को बंद करने की योजना की घोषणा की है, कोका-कोला के अध्यक्ष हेनरिक ब्राउन ने एक आंतरिक ज्ञापन में उल्लेख किया है कि BIG को 30 जून तक बंद कर दिया जाएगा. इस कदम का कोका-कोला के वैश्विक परिचालन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि BIG के माध्यम से कोका कोला दुनिया भर में अपना बॉटलिंग व्यवसाय चलाती है.
हाल ही में अपर मैनेजमेंट ने लिया है बड़ा फैसला
कोका-कोला की ओर से लिए गए इस निर्णय से भारत में उसके परिचालन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा. हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज, जो भारत में कोका-कोला की पूर्ण स्वामित्व वाली बोटलिंग कंपनी है, पहले बिग बी की देखरेख में थी. कंपनी ने एक आंतरिक ज्ञापन में भारतीय बाजार के महत्व पर जोर दिया है. ब्राउन ने ज्ञापन में कहा कि कोका-कोला का आंतरिक बोर्ड अब सीधे भारत, नेपाल और श्रीलंका में परिचालन की देखरेख करेगा. वर्तमान में, कोका-कोला HCCB के माध्यम से भारत में 16 प्लांट्स संचालित करता है. कंपनी की बोटलिंग सुविधाएं मुख्य रूप से देश के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों में स्थित हैं. जनवरी में कंपनी ने उत्तरी, पूर्वी और पूर्वोत्तर बाजारों में अपने बोटलिंग ऑपरेशन को तीन पूर्व फ्रैंचाइज बोटलर – मून बेवरेजेज, एसएलएमजी बेवरेजेज और कंधारी ग्लोबल बेवरेजेज को बेच दिया था. इस बिक्री से कोका-कोला को 293 मिलियन डॉलर मिले थे.
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कोका कोला जल्द करेगा निवेश
इससे पहले, ऐसी खबरें आई थीं कि कोका-कोला अपनी भारतीय बॉटलिंग कंपनी हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज में अपनी हिस्सेदारी का एक बड़ा हिस्सा बेच सकती है. चर्चा है कि उन्होंने इस बारे में भारत में कुछ बड़ी कंपनियों से संपर्क भी किया है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कोका-कोला भारत में आईपीओ शुरू करने से पहले कुछ शेयर बेचकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज की कीमत कितनी है.
कोका कोला से पहले हुंडई लाने वाली है IPO
दक्षिण कोरिया की कार कंपनी हुंडई भारत में 2.50 लाख करोड़ रुपये का आईपीओ लाने की योजना बना रही है. आईपीओ ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के माध्यम से आयोजित किया जाएगा, जिसमें हुंडई मोटर कंपनी में अपनी 17.5% हिस्सेदारी बेचेगी. इस कदम का उद्देश्य हुंडई के भारतीय कारोबार का मूल्य बढ़ाना है. हुंडई ने पहले ही अपनी भारतीय इकाई के आईपीओ के लिए सेबी को ड्राफ्ट सबमिट कर दिया है. अन्य विदेशी कंपनियां भी जल्द इंडियन शेयर मार्केट में निवेश कर सकती हैं.
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