Iran-Israel War: इजरायल-ईरान के बीच युद्ध के खतरे के कारण पूरी दुनिया परेशान है. ईरान के हमले के बाद अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि इजराइल ने ईरान पर मिसाइल से अटैक किया है. ईरान के शहर इस्फाहन के एयरपोर्ट के पास से विस्फोट की आवाज सुनाई पड़ी है. हालांकि, इजराइल ने हमले को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. ईरान की ओर से जो सूचना सामने आई है उसके अनुसार विस्फोट के बाद ईरानी एयरस्पेस से कई फ्लाइट्स को डायवर्ट कर दिया गया है. अभी तक करीब 8 विमानों के रुट में परिवर्तन किया गया है. गौरतलब है कि जब से ईरान और इजरायल के बीच तनातनी शुरू हुई है संयुक्त राष्ट्र ने साफ कह दिया है कि दुनिया तीसरे युद्ध को झेलने के लिए तैयार नहीं है. संयुक्त राष्ट्र ने ईरान के हमले के बाद कहा था कि इजरायल को ईरान पर जवाबी हमले के बारे में नहीं सोचना चाहिए. कल ही इजरायल के राष्ट्रपति नेतन्याहू का यह बयान आया था कि वे ईरान को जवाब देने में समर्थ हैं. मिडिल ईस्ट में दोनों देशों के बीच बने युद्ध की स्थिति का असर भारत की आर्थिक, भू-राजनीतिक और वहां रहने वाले भारतीयों पर सीधा पड़ता दिख रहा है. बताया जा रहा है कि दोनों देशों में करीब 30 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं. भारत सरकार ने अपने दूतावास को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और लोगों के संपर्क मे रहने का निर्देश दिया है.
भारत के डिफेंस सप्लाई पर पड़ेगा असर
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध हुआ तो इसका सीधा असर भारत के डिफेंस सप्लाई पर पड़ेगा. दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद, सरकार ने इजरायल, नाटो और अमेरिका की तरफ रुख किया. अब, इस बीच अगर चीन एलएसी पर कुछ हरकत करता है तो भारत का सपोर्ट सप्लाई अपने आप में ही व्यस्त होगा. इससे, भारत की परेशानी बढ़ सकती है.
आर्थिक संबंधों पर पड़ेगा असर
ईरान और इजरायल दोनों देशों के साथ भारत का आर्थिक गठजोड़ है. इजरायल भारत का स्ट्रैटजिक सप्लायर है तो सेंट्रल एशिया रिपब्लिक और ईस्ट यूरोपियन देशों तक कनेक्टिविटी के लिए ईरान अहम है. चाबहार बंदरगाह विकास का काम भारत के लिए रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण है. इसमें ईरान की भी भागीदारी है. ये परियोजना अधर में लटक सकती है. चाबहार बंदरगाह पाकिस्तान में चीन द्वारा वित्त पोषित ग्वादर बंदरगाह के पास है. इसके साथ ही, भारत को महंगा कच्चा तेल और गैस भी खरीदना पड़ सकता है. इसका असर इससे समर्थित उद्योग और पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर देखने को मिलेगा.
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खाड़ी देशों में रहते हैं 90 लाख भारतीय
मध्यपूर्व के खाड़ी के देशों में 90 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं. इसके रोजगार के कारण दोनों देशों के संबंध और विदेशी मुद्रा पर भी असर होता है. ईरान में 12 हजार, इजरायल में 18 हजार और संयुक्त रुप से बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में 90 लाख भारतीय रहते हैं. इनके रोजगार और व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा.
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