भारत में फेस्टिव सीजन से पहले बढ़ती चिंताएं: क्रूड ऑयल की कीमतें फिर बढ़ीं
Israel-Iran War Impact: फेस्टिव सीजन की शुरुआत से ठीक पहले, भारत में बढ़ती महंगाई की चिंता एक बार फिर से सामने आ रही है.सितंबर की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट देखी गई थी, जिससे यह उम्मीद बंधी थी कि देश में लंबे समय से स्थिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुछ राहत मिल सकती है. हालांकि, यह उम्मीदें अब इजरायल और ईरान के बीच तनाव के कारण धूमिल होती नजर आ रही हैं.
दरअसल, इन दोनों देशों के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में फिर से अस्थिरता पैदा हो गई है. इसका असर तेल की कीमतों पर भी साफ देखा जा सकता है. हाल ही में, क्रूड ऑयल का दाम 75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया है, और यदि यह बढ़ोतरी जारी रही, तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। यह फेस्टिव सीजन में जनता के लिए राहत के बजाय महंगाई का बड़ा झटका साबित हो सकता है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर क्रूड ऑयल का असर
भारत जैसे देशों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी हद तक क्रूड ऑयल के अंतरराष्ट्रीय दामों पर निर्भर करती हैं. जब क्रूड की कीमतें बढ़ती हैं, तो आयात लागत भी बढ़ जाती है, जिसका सीधा असर पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों पर पड़ता है। इसके साथ ही, परिवहन और लॉजिस्टिक्स की लागत भी बढ़ जाती है, जिससे अन्य वस्तुओं की कीमतें भी प्रभावित होती हैं.
फेस्टिव सीजन में जब मांग बढ़ती है, तो तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति की समस्या और गंभीर हो सकती है. ऐसे में, पेट्रोल-डीजल के दामों में संभावित वृद्धि से जनता को आर्थिक झटके का सामना करना पड़ सकता है, जो त्योहारों के बीच उनकी जेब पर अतिरिक्त भार डाल सकता है.
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