ITR Filing: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स फाइल करने की शुरुआत हो चुकी है. बड़ी संख्या में लोगों ने अभी तक अपना आयकर रिटर्न फाइल भी कर दिया है. हालांकि, अच्छी बात ये है कि इनकम टैक्स में भारत सरकार के द्वारा छूट के कई प्रवधान किये गए हैं. धारा 80सी के तहत टैक्स में आपको एक वित्तिय वर्ष में 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट दी जाती है. इस एक्ट का लाभ व्यक्तिगत आयकरदाता और एचयूएफ (Hindu Undivided Families) दोनों को मिलता है. हालांकि, किसी भी टैक्सपेयर को इस छूट का फायदा केवल ओल्ड टैक्स रिजीम में आईटीआर फाइल करने पर मिलता है. आइये इसके बारे में डिटेल से जानते हैं.
किस निवेश में मिलती है 80सी की छूट
आयकर अधिनियम के तहत धारा 80सी एक लोकप्रिय धारा है. इसका उपयोग आमतौर पर वेतनभोगी आयकर दाताओं द्वारा निवेश और खर्चों के लिए कर कटौती का दावा करने के लिए किया जाता है. अगर आप केंद्र सरकार की, पीपीएफ, पीएफ, यूलिप, ईएलएसएस, जीवन बीमा प्रीमियम, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी आदि योजनाओं में निवेश करते हैं तो सरकार की तरफ से आपको टैक्स में छूट की प्राप्ति होती है. मूल रुप से इस धारा का उद्देश्य लोगों को बचत के लिए प्रेरित करके सरकारी योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है.
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कई श्रेणियों में बंटा है 80सी
आयकर की धारा 80CCC के तहत पेंशन प्लान और म्यूच्यूअल फंड में निवेश पर छूट मिलता है. जबकि, सेक्शन 80CCD (1) के तहत, आपको सरकार समर्थित योजनाओं जैसे नेशनल पेंशन सिस्टम और अटल पेंशन योजना आदि में निवेश पर छूट मिलती है. एनपीएस में निवेश करने वाले आयकर दाताओं को सेक्शन 80 CCD (1B) के तहत छूट मिलती है. इसके अलावा आप अपने नाम पर लिये होम लोन का प्रीसिपल एमाउंट चुकाने पर भी टैक्स में राहत ले सकते हैं.
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