Jet Airways: जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिडेट के संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं. उन्हें शनिवार को एक विशेष अदालत में पेश किया गया. बताया जा रहा है कि कोर्ट में पेशी के दौरान वो भावुक हो गए. 47 वर्षीय नरेश गोयल ने कोर्ट में हाथ जोड़कर कहा कि उन्होंने जीवन की हर उम्मीद को खो दिया है. वो वर्तमान परिस्थितियों में जेल में मरना पसंद करेंगे. कोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार, उनके आंखों में आंसू था और उन्होंने कहा कि वो अपनी पत्नी अनीता को बहुत याद करते हैं जो कैंसर के एडवांस स्टेज में हैं. बता दें कि उन्हें केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी के मामले में एक सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल उन्हें मुंबई के ऑथर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है. हालांकि, इस दौरान, न्यायाधीश ने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें असहाय नहीं छोड़ा जाएगा और उचित उपचार के साथ उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का हर संभव ख्याल रखा जाएगा. नरेश गोयल ने विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई के लिए उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट की कार्यवाही के दौरान उन्होंने कुछ मिनटों की व्यक्तिगत सुनवाई का अनुरोध किया, जिसे न्यायाधीश ने अनुमति दे दी.
‘मेरी तबीत बहुत खराब है’
कोर्ट के रोजनामा ‘दैनिक सुनवाई रिकॉर्ड’ के अनुसार, नरेश गोयल ने विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे के सामने हाथ जोड़कर कहा कि उनकी तबीयत काफी खराब है. इस दौरान वो कांप रहे थे. इसके बाद अदालत ने उनके वकीलों को उनकी बीमारी के मद्देनजर उचित कदम उठाने का भी निर्देश दिया.अदालत ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके स्वास्थ्य से संबंधित हर चीज का ध्यान रखा जाएगा. न्यायाधीश ने कहा कि वो अपने पूरे शरीर और हाथों में लगातार कंपन के साथ अदालत में आया… वह किसी को कुछ नहीं बता सकता क्योंकि उसकी पत्नी बिस्तर पर है और इकलौती बेटी भी.जेल स्टाफ के पास उसकी मदद करने की सीमाएं हैं. नरेश गोयल ने जज को बताया कि उन्हें खड़े होने के लिए भी सहायता की जरूरत है. उन्होंने बताया कि कैसे उनके घुटनों में सूजन और दर्द हो रहा है. वो दोनों पैरों को मोड़ने में असमर्थ हैं. सूजन के कारण उनके घुटनों में बहुत दर्द होता है. उन्हें बार-बार पेशाब करने के लिए वॉशरूम जाना पड़ता है. आजकल, उन्हें गंभीर दर्द होता है. कभी-कभी मूत्र के माध्यम से रक्त भी आना, साथ ही असहनीय दर्द भी होता है. अधिकतम समय तक उसे कोई सहायता नहीं मिल सकी.
गोयल ने जमान के लिए दी याचिका
नरेश गोयल ने आग्रह किया कि वह बहुत कमजोर हो गये है और उसे जे जे अस्पताल में रेफर करने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि जेल और एस्कॉर्ट पार्टी की सुविधा के अनुसार अन्य आरोपियों के साथ यात्रा करना बहुत परेशानी भरा था. अस्पताल में हमेशा मरीजों की लंबी कतार होती है और वह समय पर डॉक्टर के पास नहीं पहुंच पाते हैं. जब भी उनकी जांच की जाती है तो आगे का फॉलोअप संभव नहीं हो पाता है. यह सब उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डाल रहा है. बता दें कि बंद हो चुके जेट एयरवेज पर केनरा बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुपये के क्रेडिट और लोन मंजूर किए थे, जिनमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं.
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