मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेट एयरवेज (Jet Airways) के फाउंडर नरेश गोयल को मुंबई के PMLA कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उन्हें 11 सितंबर तक के लिए ED की कस्टडी में भेज दिया. इस दौरान मामले में ईडी उनसे पूछताछ करेगी. उनके ऊपर 538 करोड़ रुपए के बैंक घोटाले का आरोप है. बता दें कि शुक्रवार को नरेश गोयल को पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस बुलाया गया था. जहां उन्हें देर रात गिरफ्तार कर लिया गया. पिछले वर्ष केनरा बैंक ने नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल समेत कई लोगों पर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की गयी. मामले में सीबीआई के द्वारा भी धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है. जबकि, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है.
क्या है बैंकों का आरोप
पैसे की धोखाधड़ी को लेकर केनरा बैंक ने शिकायत की थी कि उसने जेट एयरवेज की फोरेंसिक ऑडिट में पाया गया कि कंपनी ने अपने से जुड़ी कपंनियों यानी ‘रिलेटेड कंपनियों’ को 1,410.41 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए. ऐसा कंपनी के अकाउंट से पैसे निकालने के लिए किया गया. 2019 में नरेश गोयल के चेयरमैन पद छोड़ने से पहले तक गोयल परिवार के पर्सनल खर्चे – जैसे स्टाफ की सैलरी, फोन बिल और व्हीकल एक्सपेंस, सब जेट एयरवेज से ही होते थे.
ऐसे समझें पूरी बात
जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल के पूरे मामले को ऐसे समझा जा सकता है. केनरा बैंक के द्वारा जेट एयरवेज को 848.86 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट और लोन दिए गए थे. इसमें से 538.62 करोड़ रुपए बकाया हैं. इस खाते को 29 जुलाई 2021 में ‘फ्रॉड’ घोषित किया गया था. इसके बाद, केस सीबीआई के हलावे की गयी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने 5 मई को गोयल के मुंबई स्थित ऑफिस सहित 7 ठिकानों की तलाशी ली. जांच टीम ने फिर नरेश गोयल, अनीता गोयल और जेट एग्जीक्यूटिव गौरांग शेट्टी के घर पर भी छापेमारी की. छापेमारी के बाद मिले दस्तावेज और जांच में मिली जानकारी के हिसाब से CBI ने एफआईआर दर्ज किया. FIR के आधार पर ED ने 19 जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. ईडी ने एफआईआर दर्ज करने के बाद गोयल और उनसे जूड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. इसके बाद, शुक्रवार को नरेश गोयल को पूछताछ के लिए बुलाया गया.
जेट एयरवेट कब बंद हुई
जेट एयरवेज का विमानन कारोबार संकट में आने के बाद, वह 17 अप्रैल 2019 को अपने संचालन को बंद कर दिया था. इसके पीछे के कुछ सालों में कंपनी को वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उसने अपनी सेवाएँ बंद कर दी. कंपनी के पूरे विमान और कर्मचारी टीम को अगर अपेक्षा ही बंद कर दिया गया. कृपया ध्यान दें कि जेट एयरवेज की स्थिति विवादित थी और यह कंपनी उद्यमिता के संकट के साथ-साथ सरकारी प्राधिकृत बैंकों के लिए एक बड़ा बैंकवापसी मामला था. जून 2021 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के बैंकरप्सी रिजोल्यूशन प्रोसेस के तहत जालान-कालरॉक (Jalan-Kalrock) कंसोर्टियम ने जेट एयरवेज की बोली जीत ली. इसके बाद से जेट के रिवाइवल की प्रोसेस चल रही है, लेकिन अब तक एयरलाइन शुरू नहीं हो पाई है.
जेट एयरवेज के बंद होने के क्या कारण थे
जेट एयरवेज (Jet Airways) की शुरुआत 1 अप्रैल 1992 को हुई थी. यह भारतीय एक प्रमुख विमानन कंपनी थी और विश्वसनीय विमानन सेवाएं प्रदान करती थी. जेट एयरवेज ने अपने संचालन के दौरान विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें भरी और भारतीय विमानन उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि, कंपनी में नरेश गोयल के कई फैसले गलत हुए. सबसे पहले जेट एयरवेज अपने लिए स्टैटेजिक इनेस्टर को खोजने में नाकाम रहा. इसके कारण, धीरे-धीरे कंपनी का घाटा बढ़ता गया. कंपनी ने कभी भी इंडिगो, स्पाइस जेट और गो एयरवेज के गंभीरता से नहीं लिया. इन कंपनियों ने सस्ते टिकट देकर यात्रियों को अपनी तरफ खींच लिया. इस बीच, नरेश ने जिन अधिकारियों को कंपनी चलाने के लिए नियुक्त किया, उनपर कभी भरोसा नहीं किया. गोयल लगातार निवेश करते जा रहे थे. कंपनी की गिरती हालत को संभालने के बाजाए वो कर्ज का बोझ बढ़ाते जा रहे थे.
मामा की ट्रैवल एजेंसी से शुरू किया था काम
नरेश गोयल एक भारतीय व्यापारी और उद्यमी हैं, जो नीरजा ग्रुप के संस्थापक और मान्यता प्राप्त व्यक्ति हैं. उन्होंने एक सफल व्यवसायी के रूप में अपना करियर बनाया है, और उन्होंने कई उद्योगों में अपनी पहुंच बढ़ाई है. नरेश गोयल ने नीरजा ग्रुप को विमानन उद्योग में बड़े पैमाने पर विकसित किया है और उनकी कंपनी नीरजा एयरलाइंस (JetLite) को एक समय भारत की मुख्य और सबसे बड़ी लोकल एयरलाइन्स में से एक माना जाता था. नरेश गोयल के पिता का निधन बचपन में हो गया था. 11 साल की उम्र में परिवार पर आए आर्थिक संकट के कारण उन्हें घर नीलाम करना पड़ा, जिसके बाद वो अपनी मां के चाचा के साथ रहने लगे. 1967 में उन्होंने 300 रुपये तनखाह में अपने मामा के ट्रैवल एजेंसी में कैशियर के रूप में करियर शुरू किया. ग्रेजुएशन के बाद, वह लेबनानी इंटरनेशनल एयरलाइंस के लिए जीएसए के साथ ट्रैवल बिजनेस में शामिल हो गए. इसके बाद. 1990 की दशक में उन्होंने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड की शुरुआत कर लोगों को एअर इंडिया का विकल्प दिया. जेट के पास कुल 120 प्लेन थे और वो लीडिंग एयरलाइन में से एक हुआ करती थी. एक दिन में कंपनी 650 से ज्यादा फ्लाइट थे.
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